LPG Price Hike
1 सितंबर 2024 को एलपीजी गैस सिलेंडर पर महंगाई (LPG Price Hike )की मार देखने को मिल रही है. इससे पहले अगस्त माह में एलपीजी सिलेंडरों के दाम बढ़ाये गए थे ,अगस्त माह के बाद एक बार फिर से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में इ्जाफा किया है. यह रेट इस टाइम पर बढ़ाएं गए है जब चार राज्यों में चुनाव होने वाले है. अब देखने की बात यह होगी कि इन चार राज्यों में इसके बढे हुए रैटों का क्या परिणाम हो सकता है।
इस बार भी 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर के दामो में बदलाव हुआ है , जबकि 14 किलो वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतो में इस बार भी कोई बदलाव नहीं हुआ 1 सितम्बर से दिल्ली में कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर 39 रुपये महंगा हो गया है. बता दे कि तेल मार्केटिंग कंपनियों ने 1 सितंबर से कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में इजाफा कर दिया है. वहीं घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
महानगर में क्या रहेंगे रेट
दिल्ली में 19 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर का प्राइस 1652.50 रुपये से बढ़कर 1691.50 रुपये हो चुका है, जबकि कोलकाता में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर का दाम 1764.50 रुपये से बढ़ाकर अब 1802.50 रुपये कर दिया गया है. यानी राजधानी दिल्ली में प्रति सिलेंडर 39 रुपये और कोलकाता में 38 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है.
मुंबई में 19 किलो वाले इस सिलेंडर की कीमत 1644 रुपये हो गई है, जो अगस्त में 7 रुपये बढ़कर 1605 रुपये की गई थी. चेन्नई में भी एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़े नजर आ रहे हैं, यहां पर 1817 रुपये में मिलने वाला कॉर्मशियल सिलेंडर अब 1855 रुपये का हो चुका।
घरेलू सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं
इस साल तेल मार्केटिंग कंपनियों ने कई बार कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में इजाफा किया है. लकिन लंबे समय से घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतो में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस साल मार्च के महीने में सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 100 रुपये तक की कटौती की थी.तब से लेकर अब तक घरेलु सिलेंडरों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने क्या कहा
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को विपक्षी कांग्रेस के उस बयान का खंडन किया जिसमें उन्होंने रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 399-414 रुपये प्रति सिलेंडर बताई है, जबकि भाजपा सरकार के समय सामान्य उपभोक्ताओं के लिए यह दर 803 रुपये और उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए 503 रुपये प्रति सिलेंडर थी। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के समय मूल्य निर्धारण न तो यहां था और न ही वहां था, क्योंकि उपलब्धता कम थी और सब्सिडी अयोग्य लोगों को मिलती थी।