अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका दिया है. 1 अक्टूबर 2024 से 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में वृद्धि की गई है. इसके साथ ही हवाई यात्रा करने वालों के लिए राहत की खबर आई है, क्योंकि तेल कंपनियों ने हवाई ईंधन (ATF) के दामों में कटौती की है, जिससे फेस्टिव सीजन के दौरान हवाई किराया सस्ता हो सकता है.
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दामों में वृद्धि
सरकारी तेल कंपनियों ने 19 किलो के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में 48.5 रुपये का इजाफा किया है. इस बदलाव के बाद अब दिल्ली में इस सिलेंडर की कीमत 1,740 रुपये हो गई है, जो पहले 1,691.50 रुपये थी. इसी प्रकार, कोलकाता में इसकी कीमत 1,850 रुपये, मुंबई में 1,692 रुपये और चेन्नई में 1,903 रुपये हो गई है. अगस्त 2024 में भी कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि की गई थी, हालांकि तब यह सिर्फ 6.5 रुपये प्रति सिलेंडर थी.
घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दामों में स्थिरता
खुशखबरी यह है कि कमर्शियल सिलेंडर के दाम बढ़ने के बावजूद घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसका अर्थ है कि रसोई गैस के दाम स्थिर हैं, जिससे आम उपभोक्ता को राहत मिली है. लेकिन, कमर्शियल सिलेंडर के दामों में वृद्धि से होटलों और रेस्तरां में खाना महंगा हो सकता है, क्योंकि इन जगहों पर कमर्शियल सिलेंडर का उपयोग होता है.
हवाई ईंधन (ATF) की कीमतों में कटौती
कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के महंगा होने के साथ ही तेल कंपनियों ने विमानन कंपनियों को राहत प्रदान की है, 1 अक्टूबर 2024 से हवाई ईंधन (ATF) के दामों में 5,883 रुपये प्रति किलोलीटर की कटौती की गई है. पिछले महीने भी ATF के दामों में 4,495.48 रुपये प्रति किलोलीटर की कमी की गई थी. यह कटौती विमानन कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण राहत लेकर आई है, खासकर फेस्टिव सीजन के दौरान जब यात्रा की मांग बढ़ जाती है.
हवाई किराया सस्ता होने की उम्मीद
ATF की कीमतों में हुई इस कटौती से उम्मीद जताई जा रही है कि विमानन कंपनियां इसका लाभ यात्रियों को देंगी और हवाई किरायों में कमी करेंगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि विमानन कंपनियां इस अवसर का उपयोग कैसे करती हैं. यदि कंपनियां ATF की कटौती का फायदा हवाई किराया कम करके देती हैं, तो यात्रियों को राहत मिल सकती है, खासकर फेस्टिव सीजन में जब यात्रा की मांग चरम पर होती है.
इस तरह, कमर्शियल सिलेंडर के दामों में वृद्धि और हवाई ईंधन के दामों में कमी का सीधा असर आम उपभोक्ताओं और व्यवसायिक क्षेत्रों पर पड़ेगा.