कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई
कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को बड़े पैमाने पर छापेमारी की. यह छापेमारी उनके कार्यकाल के दौरान हुए कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में की गई। सीबीआई ने संदीप घोष के आवास के साथ-साथ उनसे जुड़े 14 अन्य स्थानों पर भी तलाशी अभियान चलाया. इन स्थानों में कोलकाता के केष्टोपुर, हावड़ा और एंटाली जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई की कार्रवाई
इस छापेमारी का मुख्य उद्देश्य संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए भ्रष्टाचार की जांच करना है. आरजी कर अस्पताल के पूर्व अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. अख्तर अली की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है. अख्तर अली ने संदीप घोष और अन्य के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले की जांच के आदेश दिए.
अस्पताल के कई अधिकारियों के घरों पर छापेमारी
सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में स्थित कई अधिकारियों के घरों पर छापेमारी की. इनमें केष्टोपुर में फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख देबाशीष सोम, एंटाली में पूर्व अधीक्षक संजय वशिष्ठ, और हावड़ा में बिप्लब सिंह के घर शामिल हैं. इन सभी स्थानों पर सीबीआई ने तलाशी अभियान चलाया और आवश्यक दस्तावेज़ों और प्रमाणों को जुटाने की कोशिश की.
अख्तर अली की याचिका के बाद हुई कार्रवाई
अख्तर अली ने संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुए कथित वित्तीय घोटालों की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने की मांग की थी. उन्होंने घोष पर लावारिस शवों का अवैध इस्तेमाल, बायोमेडिकल कचरे की अवैध बिक्री और मेडिकल उपकरणों के टेंडर पास करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. इसके अलावा, उन्होंने यह भी दावा किया कि छात्रों से परीक्षा पास करने के लिए 5 से 8 लाख रुपये की मांग की जाती थी.
राज्य सतर्कता आयोग में की गई थी शिकायत
अख्तर अली ने जुलाई 2023 में राज्य सतर्कता आयोग में भी लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद, उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने संदीप घोष और उनके साथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या का मामला भी आया था सामने
गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज अगस्त 2023 में उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब एक स्नातकोत्तर ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना हुई थी. इस मामले में मुख्य संदिग्ध, संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना के बाद से ही कॉलेज प्रशासन और अधिकारियों पर सवाल उठने लगे थे, और अब संदीप घोष के खिलाफ हो रही छापेमारी ने इस मामले को और तूल दे दिया है.
निष्पक्ष जांच की दिशा में बड़ा कदम
सीबीआई द्वारा की जा रही यह छापेमारी भ्रष्टाचार के मामलों में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. उच्च न्यायालय ने भी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपा है, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और कॉलेज में व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा हो सके.