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सोमवार, 16 सितंबर 2024 को चावल कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. खासतौर पर कोहिनूर फूड्स (Kohinoor Foods) में 20% का अपर सर्किट लगा, जबकि अन्य प्रमुख चावल कंपनियों के शेयर भी उछाल के साथ बंद हुए. इस तेजी की मुख्य वजह केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल पर लगाए गए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) को हटाना है.

MEP हटाने का असर
सरकार ने बासमती चावल के निर्यात पर 950 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम मूल्य तय किया था, जिसके तहत कोई भी चावल कंपनी इससे कम कीमत पर निर्यात नहीं कर सकती थी. अब सरकार ने इस नियम को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है. इस फैसले से चावल कंपनियों को निर्यात के क्षेत्र में बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी.
शेयर बाजार में तेजी
चावल कंपनियों के शेयरों में आई इस तेजी के बाद कोहिनूर फूड्स के शेयर 20% बढ़कर 46.83 रुपये पर बंद हुए. वहीं, एलटी फूड्स में 9.72%, केआरबीएल में 7.67% और चमन लाल सेतिया एक्सपोर्ट्स में 5.92% का उछाल दर्ज किया गया. चावल कंपनियों के शेयरों में यह बढ़ोतरी सकारात्मक बाजार धारणा के कारण हुई है.
सरकार का निर्णय और निर्यात पर प्रभाव
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस फैसले से चावल का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी और किसानों की आमदनी में भी वृद्धि होगी. वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने 45.6 लाख टन बासमती चावल का निर्यात किया था, जिसकी कुल मूल्य 4.8 अरब डॉलर थी. MEP हटाए जाने के बाद बासमती चावल की बढ़ती वैश्विक मांग को देखते हुए निर्यातकों को अतिरिक्त लाभ मिलने की संभावना है.
चावल उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत
MEP हटाने के बाद, बासमती चावल की कीमतों को स्थिर करने और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. हालांकि, कुछ कंपनियों ने पहले ही अपनी पिछली अर्निंग कॉल में यह साफ कर दिया था कि बासमती चावल के निर्यात के लिए औसत प्राप्ति पहले से ही MEP से अधिक थी.