केजरीवाल की रिहाई और चुनावी प्रभाव
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल की जेल से रिहाई ने हरियाणा के चुनावी समीकरणों को बदलने का काम किया है. जहां उनकी पार्टी को रिहाई से एक नई ताकत मिली है, वहीं यह कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है. दूसरी ओर, भाजपा को इस स्थिति से लाभ मिलने की संभावना है. हरियाणा में अब कांग्रेस और आप के बीच वोटों का विभाजन होने से भाजपा को फायदा हो सकता है.
चुनावी रैलियों से आप को मिली बढ़त
जेल में रहने के दौरान केजरीवाल की अनुपस्थिति में उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा में पार्टी का मोर्चा संभाला हुआ था. दोनों नेताओं ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई रैलियां कीं और कार्यकर्ताओं को जोड़ा. आप ने प्रदेश की सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं, जिससे पार्टी के चुनावी अभियान को और बल मिला है. हालांकि, इस दौरान कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी देखी गई.
कांग्रेस और आप के बीच मतों का विभाजन
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कांग्रेस और आप के बीच कोई गठबंधन होता तो इसका फायदा भाजपा के बजाय इन दोनों दलों को होता. लेकिन अब दोनों दलों के बीच वोटों का विभाजन होने से कांग्रेस कमजोर हो सकती है. इससे भाजपा को सीधा लाभ मिलने की संभावना है, क्योंकि भाजपा के वोट बैंक पर अब कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा.
एसवाईएल नहर मुद्दे पर पार्टी का अस्पष्ट रुख
हरियाणा और पंजाब के बीच एसवाईएल (सतलुज-यमुना लिंक) नहर का मुद्दा एक अहम चुनावी विषय बना हुआ है. इस मुद्दे पर केजरीवाल और उनकी पार्टी का स्पष्ट रुख सामने नहीं आ पाया है. पंजाब में वे पंजाब के हितों की बात करते हैं, जबकि हरियाणा में खुद को “हरियाणा का बेटा” बताते हुए यहां के लोगों की पानी की जरूरतों को स्वीकार करते हैं. इस दोहरे रवैये से हरियाणा के लोगों में असंतोष फैल रहा है, जिसका असर आप की लोकप्रियता पर पड़ सकता है.
भाजपा-कांग्रेस बागियों को मिला आप का समर्थन
आप ने 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बागियों को अपने टिकट देकर एक अलग रणनीति अपनाई है. पार्टी ने भाजपा के पांच और कांग्रेस के तीन बागियों के साथ-साथ इनेलो के भी एक बागी को टिकट दिया है. इस कदम से आप ने इन पार्टियों के मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है, जिससे पार्टी को फायदा मिल सकता है.
आप की रणनीति और भविष्य
आप के हरियाणा अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने केजरीवाल की रिहाई को भाजपा के लिए एक बड़ा झटका बताया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल की जमानत से यह साबित हो गया है कि भाजपा के झूठे आरोप ध्वस्त हो चुके हैं. अब उनकी पार्टी हरियाणा चुनाव में भाजपा को बुरी तरह से पराजित करने के लिए तैयार है.
कुल मिलाकर, केजरीवाल की रिहाई ने हरियाणा चुनाव में आप को मजबूती दी है, जबकि कांग्रेस के लिए यह एक कठिन चुनौती साबित हो सकती है.