कर्नाटक में राजनीतिक संकट की शुरुआत
कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया पर लगे भूमि आवंटन घोटाले (MUDA scam) के आरोपों ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए मुख्यमंत्री सिद्दरमैया से इस्तीफे की मांग की है. यह विवाद तब और बढ़ गया जब राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सिद्दरमैया के खिलाफ इस घोटाले में कार्रवाई की अनुमति दे दी.
राज्यपाल पर केंद्र सरकार के लिए काम करने का आरोप
मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने राज्यपाल गहलोत पर केंद्र सरकार के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल मोदी सरकार के हाथों की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं और यह कदम उनके खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है. सिद्दरमैया ने कहा कि वे इस मुद्दे पर लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.
भाजपा का आरोप और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
भाजपा ने आरोप लगाया है कि सिद्दरमैया ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) के माध्यम से भूमि आवंटन में भ्रष्टाचार किया है. यह आरोप है कि सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में मुआवजे के रूप में अधिक मूल्य की जमीन आवंटित की गई थी. भाजपा का दावा है कि इस घोटाले की कुल राशि 4 हजार करोड़ रुपये तक हो सकती है.
कांग्रेस ने भाजपा के इन आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है. उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राज्यपाल के कदम को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार सिद्दरमैया के साथ खड़ी है.
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के खिलाफ बेंगलुरु में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के खिलाफ नारे लगाए, उनके पुतले जलाए और “राज्यपाल हटाओ, राज्य बचाओ” के नारे लगाए. कांग्रेस का कहना है कि राज्यपाल गहलोत का निर्णय निष्पक्ष नहीं है और वह केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रहे हैं.
राज्यपाल का पक्ष
राज्यपाल गहलोत ने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए उनके आदेश आवश्यक थे. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक दस्तावेज़ों से स्पष्ट होता है कि घोटाले के आरोपों में सच्चाई हो सकती है. राज्यपाल ने मंत्रिपरिषद के उस निर्णय की भी आलोचना की, जिसमें मुख्यमंत्री को जारी कारण बताओ नोटिस वापस लेने और अभियोजन स्वीकृति के आवेदन को खारिज करने की सलाह दी गई थी.
सिद्दरमैया का सवाल
सिद्दरमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा से सवाल किया कि आखिर उन्हें इस्तीफा क्यों देना चाहिए? उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल किसी के इशारों पर काम कर रहे हैं, तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए, न कि मुझे. सिद्दरमैया ने कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और भाजपा को उनके खिलाफ सबूत पेश करने चाहिए.
आगे का रास्ता
कर्नाटक में सियासी उबाल के बीच कांग्रेस सरकार के लिए यह एक बड़ा संकट साबित हो सकता है. भाजपा की ओर से दबाव बढ़ता जा रहा है और कांग्रेस सरकार को अब अपने बचाव में कड़े कदम उठाने होंगे. मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने संकेत दिया है कि वे इस मुद्दे पर पीछे हटने के बजाय मुकाबला करेंगे. ऐसे में कर्नाटक की राजनीति में आने वाले दिनों में और भी तनाव बढ़ सकता है.