भारत सरकार की उम्मीद पर टिकी 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी आज शुरू हो चुकी है. बताया जा रहा है कि यह 96 हजार करोड़ के 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी है. 2 साल पहले 2022 में सरकार ने नीलामी से 1.5 ट्रिलियन रुपए (1.5 खरब रुपए) की कमाई की थी. और सरकार इस बार भी ऐसी ही उम्मीद नीलामी से लगा कर बैठी है. इस नीलामी में वोडाफोन, आइडिया, एयरटेल, रिलायंस जिओ जैसी देश की तीन बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी ने भाग लिया है.
8 स्पेक्ट्रम पेंट की होगी नीलामी
96 हजार करोड़ की कीमत वाले 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी आज मंगलवार को भारत में शुरू की गई है. भारत सरकार ने ऐसी ही नीलामी से 2022 में 1.5 ट्रिलियन (1.5 खरब रुपए) कमाए थे. अब 2024 में हो रही नीलामी से भी भारत सरकार को मुनाफे की बहुत उम्मीदें हैं. इस बार भारत में तीन बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां हिस्सा ले रही है जिसकी वजह से सरकार बहुत सी बड़ी बोलियां की उम्मीद कर रही है. सरकार ने इस नीलामी में 8 स्पेक्ट्रम बैंड़ रखे हैं
तीन बड़ी भारतीय टेलीकॉम कंपनी लगाएंगी दांव
एक्सपर्ट्स के मुताबिक उनका अंदाजा है कि इस साल भारत की तीन बड़ी प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियां एयरटेल रिलायंस जियो और वे इस नीलामी में भाग लेंगी और कम से कम 12500 करोड रुपए कि स्पेक्ट्रम को खरीद लेंगी. यह पूरी खरीदी और वेब का सिर्फ 13 प्रतिशत है. इस नीलामी का आयोजन संचार भवन के डीटीओ के वार रूम में किया गया है. यह नीलामी ऑनलाइन होगी. भारतीय सरकार ने इस नीलामी की सफलता के लिए 13 और 14 में को अभ्यास का आयोजन भी किया था. साल 2022 में भारतीय सरकार ने 51,236 MHz की नीलामी और 2021 में 855.6 MHz की नीलामी की थी.
स्पेक्ट्रम क्या है?
स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल डाटा कनेक्टिविटी बॉयस और मोबाइल के लिए किया जाता है. स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल बातचीत करने के अलग-अलग माध्यमों में किया जाता है. दरअसल स्पेक्ट्रम एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्रीक्वेंसी होती है. कंपनियां अपने कस्टमर को बेहतरीन क्वालिटी देने के लिए स्पेक्ट्रम को खरीदतीं है. यह स्पेक्ट्रम सरकार से ही खरीदे जाते हैं.
बैंड्स का मुख्य काम कनेक्टिविटी को बनाए रखना और तैयार करना है. हर जगह बैंड्स अलग-अलग तरीके के होते हैं. बैंड्स का इस्तेमाल रेडियो, टीवी और रिमोट आदि में भी देखने को मिलता है.