Jammu Kashmir के बारामूला में महसूस हुए भूकंप के झटके
Jammu Kashmir के जिले बारामूला में भूकंप के झटके महसूस किए गए. लोगो में डर का माहौल पैदा हो गया ,लोग अपनी जान बचाने के लिए अपने-अपने घर से निकल के सुरक्षित स्थान पर पहुंचे । पहला झटका सुबह 6.45 बजे महसूस किया गया. 34.17 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 74.16 डिग्री पूर्वी देशांतर पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 दर्ज की गई. पहले भूकंप का केंद्र उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में जमीन से पांच किलोमीटर की गहराई में था.वही दूसरा झटका 6.52 बजे 34.20 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 74.31 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.8 दर्ज की गई. दूसरे भूकंप का केंद्र भी बारामूला में था और यह जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। राहत की बात यह रही की इस भूकंप में किसी तरह की जान माल की हानि नहीं हुई है
12 जुलाई को भी महसूस हुए थे झटके
12 जुलाई को भी भारत और पाकिस्तान की सीमा पर झटके महसूस किये गए थे ,जम्मू कश्मीर के बारामूला में लोगों ने दोपहर के लगभग 12:26 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किये गए थे ,रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4 .1 नापी गई थी किन्तु आज हुए भूकंप में यह तीव्रता 4 .9 रही। मंगलवार की सुबह महसूस किये गए झटके में तीव्रता महज 4 .9 थी ,और इसकी गहराई 5 किमी बताई जा रही है इसीकी वजह से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है ,सुबह आये इस भूकंप की वजह से लोगो में अफरा तफरी मच गई और लोगो में भय का माहौल बन गया।
भूकपं आने की वजह
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स होती है जो धरती के नीचे लगातार घूमती रहती है। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती है तो भूकंप आता है। भूकंप आमतौर पर तब आते हैं ,जब भूमिगत चट्टान अचानक टूट जाती है, और भ्रंश के साथ तेज़ गति होती है। ऊर्जा के इस अचानक निकलने से भूकंपीय तरंगें पैदा होती हैं जो ज़मीन को हिला देती हैं। भूकंप के दौरान और उसके बाद, चट्टान की प्लेटें या ब्लॉक हिलना शुरू हो जाते हैं – और वे तब तक हिलते रहते हैं जब तक कि वे फिर से चिपक न जाएँ। भूमिगत का वह स्थान जहाँ चट्टान सबसे पहले टूटती है उसे भूकंप का फ़ोकस या हाइपोसेंटर कहा जाता है। फ़ोकस के ठीक ऊपर (ज़मीन की सतह पर) जगह को भूकंप का केंद्र कहा जाता है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) की भूकंपीय जोनिंग मैप में कश्मीर घाटी सबसे खतरनाक जोन 5 में रखा है।