जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आ गए हैं. चुनाव सभी 90 सीटों पर सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं. 1 अक्टूबर को अंतिम चरण का मतदान हुआ, और अब सभी की निगाहें 8 अक्टूबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं. एग्जिट पोल में जम्मू क्षेत्र में भाजपा की बढ़त का अनुमान है, जबकि घाटी में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) का गठबंधन आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है.
बीजेपी का प्रदर्शन और संभावित सीटें
एग्जिट पोल के मुताबिक, भाजपा को जम्मू क्षेत्र में 27 से 31 सीटें मिलने की संभावना है. वहीं, कांग्रेस-एनसी गठबंधन को 40 से 48 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है. पीडीपी के लिए केवल 6 से 10 सीटें मिलने का अनुमान है. हालांकि, असली परिणाम 8 अक्टूबर को स्पष्ट होंगे.
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
एनसी नेता रतन लाल गुप्ता ने एग्जिट पोल को सच्चाई का प्रतिबिंब बताते हुए कहा कि लोगों ने मौजूदा सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा प्रकट किया है. दूसरी ओर, डोडा विधानसभा क्षेत्र से एनसी उम्मीदवार खालिद नजीब सुहारवर्दी ने एग्जिट पोल पर संदेह जताते हुए कहा कि ये कभी भी सटीक नहीं साबित हुए हैं. उन्होंने 8 अक्टूबर का इंतजार करने की सलाह दी.
पीडीपी की प्रतिक्रिया
पीडीपी नेता जुहैब यूसुफ मीर ने एग्जिट पोल को “टाइम पास” गतिविधि करार दिया. उनका कहना है कि पीडीपी एक धर्मनिरपेक्ष सरकार का अनिवार्य हिस्सा बनेगी, और वे कश्मीर की पहचान को बचाने के लिए तत्पर हैं.
एग्जिट पोल की विभिन्न भविष्यवाणियाँ
विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार, इंडिया टीवी के एग्जिट पोल में बीजेपी को 24 से 34 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि कांग्रेस-एनसी को 35 से 45 सीटें मिल सकती हैं. जागरण महापोल के मुताबिक, बीजेपी को 29 सीटें मिलने का अनुमान है, और पीडीपी को 7 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं.
सरकार बनाने की स्थिति
जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 46 सीटों की आवश्यकता होगी. इस विधानसभा में 90 सीटें हैं, और बहुमत के लिए आधे से एक सीट अधिक की आवश्यकता होती है. एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार, एनसी-कांग्रेस गठबंधन बहुमत की ओर अग्रसर है, जबकि बीजेपी इस बार बहुमत से दूर नजर आ रही है.
कश्मीर क्षेत्र में मतदान
कश्मीर क्षेत्र में बीजेपी को 0-1 सीट मिलने का अनुमान है, जबकि एनसी-कांग्रेस को 29-33 सीटें मिलने का अनुमान है. कश्मीर में अल्पसंख्यकों की उपेक्षा और बेरोजगारी की समस्याओं को लेकर भी कई नेताओं ने अपनी चिंता व्यक्त की है.