‘मुख्तार अंसारी को जेल में जहर दिए जाने’ के आरोप के बाद जांच जारी

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नई दिल्ली: जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत पर विवाद तब खड़ा हो गया जब उनके बेटे ने दावा किया कि पूर्व विधायक को जेल में “धीमा जहर” दिया गया था. 2005 से जेल में बंद अंसारी (60) की गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बांदा में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. शुक्रवार को उसका पोस्टमॉर्टम कराया गया.

इस बीच, उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज किसी भी कानून-व्यवस्था की स्थिति को रोकने के लिए राज्य भर में निषेधाज्ञा जारी की. मऊ से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी के खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे.

बेटे का दावा

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने दावा किया कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में “धीमा जहर” दिया गया था. ऐसा ही दावा अंसारी के भाई और ग़ाज़ीपुर सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने भी किया था. अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया है.

बांदा में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को मुख्तार अंसारी की मौत की जांच करने और एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा है.

पिछले हफ्ते, मऊ से पांच बार के पूर्व विधायक ने बाराबंकी अदालत में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि उन्हें भोजन के साथ कुछ “जहरीला पदार्थ” दिया गया था. अंसारी ने दावा किया कि 19 मार्च को खाना खाने के बाद उनकी नसों और अंगों में दर्द होने लगा.

मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम आज बांदा में किया गया और इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई. सूत्रों ने बताया कि उनका विसरा सुरक्षित रखा गया है. इस बीच, मोहम्मदाबाद कब्रिस्तान में उनके अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी.

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने आज बांदा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि उनके पिता का पोस्टमॉर्टम दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से कराया जाए. अपने पत्र में अंसारी ने लिखा कि उनके परिवार को बांदा की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है.

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