International Coffee Day
अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाता है. यह दिन उन किसानों और मेहनतकश लोगों के प्रति सम्मान प्रकट करने का एक अवसर है जो कॉफी की खेती और उत्पादन में शामिल हैं. इस मौके पर आइए जानें कि कॉफी कहां से आई और कैसे यह पूरी दुनिया में मशहूर हो गई.
कॉफी की कहानी
कॉफी की कहानी की शुरुआत इथियोपिया से होती है. एक प्राचीन कथा के अनुसार, 9वीं शताब्दी में एक बकरी चराने वाले चरवाहे ने देखा कि उसकी बकरियां एक विशेष प्रकार के पेड़ के फल खाने के बाद अत्यधिक ऊर्जा से भर गईं. उसने इस बात को अपने स्थानीय मठ के अब्बा को बताया, जिन्होंने इन फलों से एक पेय तैयार किया. इस पेय ने उन्हें रात भर जागने में मदद की। धीरे-धीरे, यह पेय इथियोपिया से अरब दुनिया तक पहुंच गया.
कॉफी का सेवन
15वीं शताब्दी तक, कॉफी का सेवन यमन में बड़े पैमाने पर होने लगा था. वहाँ से यह पेय मिस्र, तुर्की, और फारस तक फैल गया। 16वीं शताब्दी में, कॉफी हाउस, जिसे ‘काहवेह काने’ कहा जाता था, तुर्की और मक्का में खुलने लगे. ये कॉफी हाउस न केवल पेय के लिए बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक चर्चाओं के केंद्र भी बने.
17वीं शताब्दी के अंत तक, कॉफी यूरोप में भी पहुँच गई. वेनिस के व्यापारियों ने इसे यूरोप में लोकप्रिय बनाया और जल्दी ही पेरिस, लंदन, और एम्सटर्डम जैसे शहरों में कॉफी हाउस खुलने लगे. इन कॉफी हाउसों ने यूरोप के बौद्धिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. फ्रांसिसी दार्शनिक वोल्टेयर और अंग्रेजी लेखक सैमुएल जॉनसन जैसे महान विचारकों ने कॉफी हाउसों में अपनी महत्वपूर्ण चर्चाएं कीं.
18वीं शताब्दी में, यूरोपीय उपनिवेशवादियों ने कॉफी की खेती को एशिया, अफ्रीका, और लैटिन अमेरिका में भी फैलाया. ब्राजील और कोलंबिया जैसे देश जल्दी ही कॉफी उत्पादन के प्रमुख केंद्र बन गए. आज, ब्राजील दुनिया का सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश है.
कॉफी का लोकप्रियता का मुख्य कारण है इसकी अनूठी खुशबू और स्वाद. इसके अलावा, कॉफी के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव भी इसे विशेष बनाते हैं. कॉफी हाउस आज भी लोगों के मिलने-जुलने, विचारों का आदान-प्रदान करने और आराम करने के प्रमुख स्थान हैं.
इस अंतर्राष्ट्रीय कॉफी दिवस पर, हम न केवल इस पेय का आनंद लें बल्कि उन लाखों लोगों का धन्यवाद करें जो इसे हमारी कप तक पहुंचाते हैं. कॉफी की यह यात्रा अद्भुत है और इसके बिना हमारी सुबह की शुरुआत अधूरी है.