अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े: शेयर बाजार पर संभावित प्रभाव

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अमेरिका में मुद्रास्फीति की स्थिति

हाल ही में अमेरिका से मिले मुद्रास्फीति के आंकड़े ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है. अगस्त 2024 के लिए जारी किए गए लेटेस्ट सीपीआई (Consumer Price Index) डेटा के अनुसार, अमेरिका में उपभोक्ता कीमतों में मामूली वृद्धि देखी गई है, लेकिन कोर इन्फ्लेशन स्थिर बनी हुई है. इस स्थिति ने बाजार में कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व, 17-18 सितंबर को होने वाली अपनी बैठक में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है. पहले उम्मीद की जा रही थी कि यह कटौती 0.50 फीसदी तक हो सकती है.

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अगस्त 2024 के सीपीआई डेटा का विश्लेषण

अमेरिकी श्रम सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी अगस्त 2024 के सीपीआई डेटा के अनुसार, सालाना मुद्रास्फीति दर 2.5 फीसदी पर स्थिर हो गई है. यह दर पिछले पांच महीनों में लगातार धीमी हो रही है और फरवरी 2021 के बाद से सबसे कम स्तर पर पहुंच गई है. जुलाई 2024 में मुद्रास्फीति दर 2.9 फीसदी थी, जो 2.6 फीसदी के पूर्वानुमान से कम थी. सीपीआई-यू (CPI-U) का सीजनल एडजस्टेड डेटा 0.2 फीसदी बढ़ा है, जो कि सामान्य उपभोक्ता कीमतों के मामूली बढ़ने को दर्शाता है.

कोर इन्फ्लेशन और इसके प्रभाव

केडिया फिनकॉर्प के फाउंडर नितिन केडिया का कहना है कि अगस्त 2024 के सीपीआई डेटा से यह स्पष्ट है कि महंगाई कम हो रही है, विशेषकर एनर्जी और फूड सेक्टर में. हालांकि, शेल्टर और सर्विसेज की लागत के कारण कोर इन्फ्लेशन अभी भी स्थिर बनी हुई है. उनका मानना है कि मुद्रास्फीति के नरम पड़ने का असर डॉलर की ताकत और फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर भी देखने को मिल सकता है.

फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती

जुलाई 2024 में अमेरिकी CPI 2.9 फीसदी तक घट गई, जबकि बेरोजगारी दर स्थिर रही. यह जुलाई के 4.3 फीसदी की तुलना में 4.2 फीसदी रही। इन आंकड़ों के आधार पर, आर्थिक जानकारों का मानना है कि फेडरल रिजर्व 17-18 सितंबर को होने वाली अपनी बैठक में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है, जबकि पहले 0.50 फीसदी की कटौती की संभावना जताई जा रही थी.

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शेयर बाजार पर संभावित प्रभाव

मुद्रास्फीति के ताजे आंकड़ों के कारण अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है. डॉव जोन्स, एसएंडपी 500 और नैस्डैक 100 जैसे प्रमुख सूचकांक शुरुआती कारोबार में गिरावट का सामना कर रहे हैं. इस गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी गुरुवार को दिख सकता है. निवेशक इस घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और संभावित बाजार हलचल की तैयारी कर रहे हैं.

इस प्रकार, अमेरिका में मुद्रास्फीति के ताजे आंकड़े और फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती के असर को लेकर निवेशक सतर्क हैं. आगामी दिनों में शेयर बाजार की गतिविधियों पर इन घटनाओं का महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को मिल सकता है.

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