भारतीय शेयर बाजार नई ऊंचाइयों पर, फेड रेट कटौती और मजबूत अर्थव्यवस्था ने बढ़ाई तेजी

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भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है, जिससे निवेशकों को भारी लाभ हो रहा है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती और भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता ने बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. इस वृद्धि का लाभ घरेलू और विदेशी निवेशकों दोनों को मिल रहा है, जिससे बाजार में निवेश का प्रवाह बढ़ रहा है.

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सेंसेक्स और निफ्टी ने छुआ नया मुकाम

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स ने 1,359 अंकों की बढ़त के साथ पहली बार 84,000 अंकों के ऊपर जाकर 84,544.31 अंक पर बंद हुआ. यह पिछले कार्यदिवस से बड़ी छलांग है. साथ ही, निफ्टी ने भी 375.15 अंकों की बढ़त के साथ 25,790 के स्तर को छू लिया. यह भारतीय शेयर बाजार के लिए एक ऐतिहासिक दिन था, जिसने निवेशकों को भारी मुनाफा दिलाया.

सभी सेक्टरों में तेजी, निवेशकों को भारी लाभ

शेयर बाजार में आई इस तेजी का असर लगभग सभी सेक्टरों पर पड़ा. बैंकिंग, एफएमसीजी, ऑटो, फार्मा, कैपिटल गुड्स जैसे सभी सेक्टर्स में मजबूती दर्ज की गई. बीएसई पर करीब 250 स्टॉक्स ने अपने एक साल के उच्चतम स्तर को छू लिया. इससे बाजार का कुल पूंजीकरण (मार्केट कैप) 472 लाख करोड़ तक पहुंच गया और निवेशकों ने एक दिन में ही 6 लाख करोड़ रुपये की कमाई की.

विदेशी निवेशकों का बढ़ा रुझान

ट्रू नॉर्थ फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रोचक बक्शी के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार एक आकर्षक विकल्प बन गया है. इस निर्णय के बाद से भारतीय बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की ओर से नकद प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है. इससे लार्ज कैप्स कंपनियों की ओर अधिक निवेश देखने को मिल रहा है, और निकट भविष्य में भी यह प्रवृत्ति बनी रह सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि लार्ज कैप्स का प्रदर्शन अन्य वर्गों की तुलना में बेहतर रहने की संभावना है.

एशियाई बाजारों में भी तेजी

फेडरल रेट में कटौती का असर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका और एशिया के अन्य बाजारों में भी देखा गया. अमेरिका में बेरोजगारी दर सितंबर में पिछले चार महीनों के निचले स्तर पर आ गई है, जिससे वहां के बाजार को भी प्रोत्साहन मिला है. इसके अलावा, डॉलर में निवेश की संभावना कम होने से विदेशी निवेशक अन्य बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं.

भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर वैश्विक एजेंसियों का अनुमान सात प्रतिशत विकास दर का है, जो विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित कर रहा है. भारत में इस समय विदेशी निवेशकों को सुरक्षित और मुनाफा देने वाला बाजार दिख रहा है, जिससे निवेश में तेजी आ रही है.

भू-राजनीतिक स्थिरता भारत के पक्ष में

पीएचडी चैंबर्स के मुख्य अर्थशास्त्री एस.पी. शर्मा का कहना है कि वर्तमान में दुनिया के कई हिस्से, जैसे यूरोप और मध्य पूर्व, भू-राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहे हैं. इसके विपरीत, भारत इस अस्थिरता से अछूता है, जिससे उसकी विकास दर पिछले दो सालों से सात प्रतिशत से अधिक रही है. आने वाले दो-तीन सालों में भी भारतीय अर्थव्यवस्था इसी दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो निवेशकों के लिए एक स्थिर और आकर्षक बाजार बना रहा है.

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भारतीय बाजार में निवेश का सुनहरा मौका

भारतीय शेयर बाजार की यह उछाल, खासकर लार्ज कैप्स में आई तेजी, निवेशकों के लिए एक सुनहरा मौका बन गई है. निवेशक इस मौके का फायदा उठाकर बड़े मुनाफे की उम्मीद कर सकते हैं. फेड रेट कटौती और भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती से बाजार को और अधिक मजबूती मिलने की संभावना है, जिससे आने वाले दिनों में भी बाजार में तेजी जारी रहने की उम्मीद है.

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