इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के बाद टैक्स रिफंड का इंतजार एक सामान्य प्रक्रिया है. 31 जुलाई 2024 तक, 7.28 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न समय पर फाइल कर दिया था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.5% अधिक है. हालांकि, कई करदाता अभी भी अपने टैक्स रिफंड का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें इस प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर चिंता है.
टैक्स रिफंड आने में कितना समय लगता है?
आयकर विभाग द्वारा रिटर्न को अप्रूवल देने के बाद ही टैक्स रिफंड जारी किया जाता है। सामान्यतः, रिटर्न फाइल करने के बाद टैक्स रिफंड प्राप्त करने में कम से कम 20 दिन लग सकते हैं. फाइनेंशियल एक्सपर्ट दीक्षा शुक्ला के अनुसार, ई-वेरिफिकेशन के बाद ITR प्रोसेसिंग में 15 से 45 दिन का समय लग सकता है. अगर वेरिफिकेशन ऑफलाइन किया जाता है, तो समय सीमा बढ़ सकती है.
इनकम टैक्स रिटर्न को वित्तीय वर्ष के अंत से 9 महीने के भीतर प्रोसेस किया जाना चाहिए. उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए फाइल किए गए ITR के लिए रिफंड 31 दिसंबर 2025 तक या उससे पहले प्राप्त किया जा सकता है। यदि प्रोसेसिंग में अधिक समय लग रहा है, तो इसका मतलब हो सकता है कि आयकर विभाग आपके रिटर्न की समीक्षा कर रहा है.
रिफंड में देरी के कारण
टैक्स रिफंड में देरी की सबसे आम वजह वेरिफिकेशन प्रक्रिया होती है. आयकर विभाग इस प्रक्रिया के दौरान रिटर्न की सभी जानकारियों की बारीकी से जांच करता है। इसमें निम्नलिखित बिंदु शामिल हो सकते हैं:
- रिटर्न की राशि और उसमें किए गए कटौती या छूट.
- फॉर्म 16 में शामिल किए गए विवरण.
- उपयोग किए गए फॉर्म की सहीता.
- आयकर विभाग को अतिरिक्त वित्तीय जानकारी की आवश्यकता हो सकती है.
- टैक्स आंकलन में विसंगति.
- बैंक अकाउंट नंबर और नाम से संबंधित डिटेल्स में अंतर.
- फॉर्म 26AS और ITR में मिसमैच.
क्या करें अगर रिफंड में देरी हो रही है?
अगर टैक्स रिफंड में देरी हो रही है, तो सबसे पहले अपने ITR इंटिमेशन मैसेज को चेक करें और आयकर विभाग द्वारा भेजे गए नोटिफिकेशन के ईमेल को नियमित रूप से देखें. अगर रिफंड समय पर नहीं मिलता है, तो आयकर पोर्टल पर जाकर इसकी शिकायत दर्ज की जा सकती है.
इसके अलावा, CPC में बैकलॉग के कारण भी देरी हो सकती है. इसलिए टैक्सपेयर्स को समय सीमा से पहले ही अपना रिटर्न दाखिल करने का प्रयास करना चाहिए ताकि बैकलॉग को कम किया जा सके.
रिफंड पर ब्याज
टैक्सपेयर रिफंड पर ब्याज पाने के पात्र भी होते हैं. अगर आयकर रिटर्न निर्धारित समय सीमा के भीतर फाइल किया जाता है, तो टैक्सपेयर्स 1 अप्रैल 2024 से रिफंड की तारीख तक 0.5% प्रति माह ब्याज का हकदार होते हैं. हालांकि, ब्याज तब ही दिया जाता है जब रिफंड की राशि वास्तविक टैक्स लायबिलिटी के 10% से अधिक हो.
इस प्रकार, टैक्स रिफंड प्राप्त करने में होने वाली देरी और इसके संभावित कारणों को समझना टैक्सपेयर्स के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे समय पर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकें.