इनकम टैक्स रिफंड में देरी: क्यों हो रही है देरी और आप कैसे बच सकते हैं

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रिफंड की देरी का कारण

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में जानकारी दी है कि 31 जुलाई तक कुल 7.28 करोड़ आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल किए गए हैं. आईटीआर फाइल करने के बाद, टैक्स पेयर्स अपने रिफंड का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अगस्त का महीना समाप्त होने को है, लेकिन कई लोगों को अभी भी अपना रिफंड प्राप्त नहीं हुआ है. इस स्थिति में, रिफंड में देरी के पीछे कई कारण हो सकते हैं. यहां हम आपको उन प्रमुख कारणों के बारे में जानकारी देंगे जो आपकी रिफंड प्रक्रिया में विलंब का कारण बन सकते हैं.

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आईटीआर का वेरिफाई न होना

आईटीआर फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. आईटीआर वेरिफिकेशन के लिए आधार ओटीपी का उपयोग किया जाता है. यदि आपने अपने आईटीआर को वेरिफाई नहीं किया है, तो इसका असर आपकी रिफंड प्रक्रिया पर पड़ सकता है. वेरिफिकेशन की कमी के कारण आपकी फाइल की प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है, जिससे रिफंड का इंतजार लंबा हो सकता है.

बैंक अकाउंट की जानकारी में गलती

आपके बैंक अकाउंट की जानकारी जैसे कि अकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड, या नाम की गलत जानकारी भी रिफंड की देरी का कारण बन सकती है. अगर आपने अपने बैंक अकाउंट की जानकारी गलत दी है, तो रिफंड ट्रांसफर में समस्या आ सकती है. यह सुनिश्चित करें कि आपने सही जानकारी प्रदान की है ताकि रिफंड की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए.

गलत रिटर्न दाखिल करना

अगर आपने आईटीआर फाइल करने के बाद रिटर्न में किसी प्रकार की गलती या कमी की है, तो आपको धारा 139(9) के तहत नोटिस प्राप्त हो सकता है. इस नोटिस का जवाब देने के लिए आपको 15 दिन का समय मिलता है. यदि आप समय पर इस गलती को सुधार नहीं पाते हैं, तो यह आपकी रिफंड प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है.

ज्यादा राशि का रिफंड

यदि आपकी आईटीआर में रिफंड की राशि अधिक है, तो आयकर विभाग इसकी बारीकी से जांच करता है. ज्यादा राशि के रिफंड की जांच करने में विभाग को समय लग सकता है, जिससे आपकी रिफंड प्रक्रिया में देरी हो सकती है. विभाग जांच के बाद ही रिफंड को प्रोसेस करता है, ताकि किसी भी प्रकार की गलती या धोखाधड़ी से बचा जा सके.

रिफंड की प्रक्रिया में सुधार के उपाय
  • आईटीआर वेरिफिकेशन: सुनिश्चित करें कि आपने अपना आईटीआर वेरिफाई किया है. वेरिफिकेशन के बिना आपकी फाइल की प्रोसेसिंग पूरी नहीं होगी.
  • सही बैंक डिटेल्स: अपने बैंक अकाउंट की जानकारी सही और पूर्ण रूप से भरें.
  • गलतियों को ठीक करें: रिटर्न में कोई गलती होने पर तुरंत सुधार करें और आयकर विभाग को सूचित करें.
  • रिफंड की स्थिति की निगरानी: अपनी रिफंड की स्थिति को समय-समय पर चेक करें और आयकर विभाग से संपर्क करें यदि कोई असमान्यता पाएँ.
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निष्कर्ष

इनकम टैक्स रिफंड की प्रक्रिया में देरी की कई वजह हो सकती हैं. आईटीआर का सही तरीके से वेरिफिकेशन, सही बैंक डिटेल्स, और बिना गलती के रिटर्न दाखिल करना इस प्रक्रिया को सुचारू और समय पर पूरा करने में मदद करता है. इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देकर आप अपनी रिफंड प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं और किसी भी प्रकार की देरी से बच सकते हैं.

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