बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक विशेष रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. कट्टरपंथी ताकतों द्वारा हिंदुओं को धमकाने और उन पर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं. दुनियाभर में इस हिंसा के खिलाफ हिंदुओं ने प्रदर्शन किया, वहीं अब कनाडा की संसद में भी यह मामला उठाया गया है.

कनाडाई सांसद चंद्रा आर्या की चिंता
कनाडा की संसद में, सांसद चंद्रा आर्या ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर गहरी चिंता जताई. उन्होंने संसद में कहा कि बांग्लादेश में जब भी अस्थिरता की स्थिति बनती है, तो सबसे पहले अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर हिंदुओं को निशाना बनाया जाता है. चंद्रा आर्या, जो कर्नाटक से संबंध रखते हैं, ने 23 सितंबर को ओटावा स्थित पर्लियामेंट हिल पर एक रैली आयोजित करने की घोषणा की है, जहां वह बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर ध्यान केंद्रित करेंगे. इस रैली में हिंदुओं के साथ बौद्ध और ईसाई भी शामिल होंगे, ताकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस गंभीर मुद्दे को उजागर किया जा सके.
बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति
बांग्लादेश में हिंदू आबादी में गिरावट चिंता का विषय है. 1971 में बांग्लादेश की आजादी के समय, देश की कुल आबादी में लगभग 20% हिस्सा हिंदुओं का था. हालांकि, आज यह आंकड़ा घटकर केवल 8.5% रह गया है, सांसद चंद्रा आर्या ने यह भी बताया कि बांग्लादेश के 48 जिलों में 278 स्थानों पर हिंदुओं पर हिंसा और बर्बरता की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें धार्मिक स्थलों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की चिंता
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर भारत ने भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। भारत सरकार ने बांग्लादेश सरकार से अपील की है कि वह अपने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे. भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि बांग्लादेश सरकार को जल्द से जल्द इस हिंसा पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जा सके.
कनाडा में हिंदुओं का प्रदर्शन
कनाडा में रह रहे बांग्लादेशी हिंदू भी अपने परिवारों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. इस संदर्भ में कनाडाई हिंदुओं ने 23 सितंबर को एक रैली आयोजित करने की योजना बनाई है, जहां वे बांग्लादेश में हो रही हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे. रैली में हिंदुओं के अलावा कनाडा के बौद्ध और ईसाई समुदाय भी शामिल होंगे.

निष्कर्ष
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर दी है. कनाडा में यह मुद्दा उठाए जाने से उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार इस मामले को गंभीरता से लेगी और अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगी.