Haryana Vidhansabha Election 2024
Haryana Vidhansabha Election 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) आज 47 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है. इस लिस्ट का इंतज़ार काफी समय से चल रहा है। हरियाणा के सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होगा और चुनाव नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे।
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है. पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुआ था. चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के गठबंधन ने राज्य सरकार बनाई. भाजपा के पास 40, कांग्रेस के पास 31 और निर्दलीय/अन्य के पास 19 सीटें हैं.
पहले चुनाव 1 अक्टूबर को होना था और 4 अक्टूबर को नतीजे आने थे. लेकिन त्योहारों के मद्देनजर चुनाव आयोग ने तारीख बदल दी.
कांग्रेस और AAP का गठबंधन
Haryana Vidhansabha Election 2024 में चुनाव की ख़बरों की साथ कांग्रेस और आप के गठबंधन की ख़बरें सुर्खियां बटोर रही है। सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी हरियाणा में 10 सीटों की मांग कर रही है, जबकि कांग्रेस ने 7 सीटों का ऑफर दिया है. आम आदमी पार्टी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में एक सीट लड़ी थी. इस लोकसभा क्षेत्र में 9 विधानसभा सीटें आती हैं. इस आधार पर आप चाहती है कि उसे विधानसभा में 10 सीटें मिले.
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के साथ बैठकें की हैं. गठबंधन पर आखिरी फैसला अरविंद केजरीवाल करेंगे ,इसी बीच हरियाणा के अनिल विज ने कांग्रेस के ऊपर तंज कसा और कहा की कांग्रेस अकेले चुनाव नहीं लड़ सकती है, हिम्मत हो तो अकेले लड़े।
हाई प्रोफाइल सीट बादशाहपुर से कौन बनेगा बीजेपी का चेहरा
गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली 9 सीटों में से एक बादशाहपुर हाई प्रोफाइल सीटो में से एक है।अब देखने वाली बात यह होगी की बीजेपी यहाँ से किसे अपना चेहरा बनाती है। 2019 में राकेश दौलताबाद, बादशाहपुर से आजाद उम्मीदवार के रूप में जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. और बीजेपी को अपना समर्थन दिया था। 25 मई को हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया जिसके बाद विधानसभा के नोटिफिकेशन के बाद इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया था।
वही राव नरबीर सिंह इस सीट पर अपनी उमींदवारी पेश कर रहे है उन्होंने कहा, ‘साल 2019 में मुझे टिकट नहीं मिला था। मैदान में सिर्फ दो ही पार्टियां हैं, तो अगर भाजपा मुझे टिकट नहीं देती है, तो मैं कांग्रेस में शामिल हो जाऊंगा।’
साल 2019 में हार का सामना करने वाले मनीष यादव भी टिकट की तलाश में हैं। वहीं खट्टर के पूर्व OSD जवाहर यादव भी यहां एक्टिव हैं। इनके अलावा भाजपा के जिलाध्यक्ष कमल यादव भी दावेदारी पेश कर रहे हैं।अब देखना यह होगा की बीजेपी अपने किस नेता के ऊपर अपना विस्वास जताती है और किस उम्मीदवार को टिकट देती है।
बादशाहपुर में करीब 1.25 लाख अहीर (यादव), 60 हजार जाट, 50 हजार अनुसूचित जाति के सदस्य, 35 हजार ब्राह्मण और 30 हजार पंजाबी हैं। साथ ही यहां गुज्जर, राजपूत और मुस्लिम वोटर भी हैं।