हरियाणा विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही कांग्रेस ने अपने बागी नेताओं के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है. चुनाव से ठीक पहले पार्टी ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल 10 नेताओं को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. इनमें प्रमुख नाम चित्रा सरावरा का है, जो हरियाणा के राजनीति में एक जाना-माना चेहरा हैं.
कांग्रेस ने दिखाया बागियों को बाहर का रास्ता
कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव से पहले अनुशासनहीन नेताओं के खिलाफ यह बड़ा फैसला लिया है. पार्टी से निकाले गए नेताओं में चित्रा सरावरा, सतविंदर राणा, कपूर सिंह नरवाल, सोमवीर घसोला, मनोज कोसलिया, अजीत शारदा राठौर, ललित नागर, और सतवीर भाना शामिल हैं. इन नेताओं पर पार्टी के खिलाफ काम करने और चुनावों में पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप है.
कांग्रेस ने इन नेताओं पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए इन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. यह कदम तब उठाया गया है जब हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिर्फ 6 दिन बचे हैं, और यह निर्णय पार्टी की एकता और अनुशासन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
भाजपा ने भी उठाया था कड़ा कदम
कांग्रेस से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अपने बागी नेताओं पर कड़ा एक्शन लिया था. भाजपा ने चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल आठ नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था. इन नेताओं में प्रमुख नाम पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला का था. भाजपा ने इन बागी नेताओं को पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने पर छह साल के लिए निष्कासित किया था.
चुनावी माहौल में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं
हरियाणा में राजनीतिक दलों के लिए यह चुनावी समय अत्यधिक महत्वपूर्ण है. ऐसे में कोई भी पार्टी अपने भीतर अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं कर सकती. कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही दलों ने अपने बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर यह संदेश दिया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा.
कांग्रेस की स्थिति पर असर
कांग्रेस ने चुनाव से पहले अपने 10 नेताओं को निष्कासित कर यह साबित किया है कि वह अपनी पार्टी में अनुशासन को प्राथमिकता देती है. हालांकि, चुनाव से ठीक पहले इतने नेताओं का निष्कासन पार्टी के लिए एक चुनौती भी बन सकता है, क्योंकि इससे कुछ क्षेत्रों में पार्टी की पकड़ कमजोर हो सकती है. इसके बावजूद कांग्रेस का यह फैसला पार्टी के अंदर अनुशासन बनाए रखने के दृष्टिकोण से अहम है.
हरियाणा चुनाव की स्थिति
हरियाणा विधानसभा चुनाव में 5 अक्टूबर को सभी सीटों पर मतदान होगा. चुनावी माहौल गर्म है और हर पार्टी अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कोशिश कर रही है. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के लिए यह चुनावी मुकाबला महत्वपूर्ण है, और बागी नेताओं के निष्कासन ने चुनावी स्थिति को और दिलचस्प बना दिया है.