Hartalika Teej 2024: इस बार हरतालिका तीज पर बन रहा विशेष संयोग,जानिये शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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Hartalika Teej 2024

Hartalika Teej 2024 इस वर्ष 6 सितंबर को मनाई जाएगी। इस वर्ष तृतीया तिथि 5 सितंबर को प्रात 10.04 बजे शुरू होकर 6 सितम्बर को दोपहर 12.08 बजे समाप्त होगी। इस दिन औरते अपने सुहाग की रक्षा एवं उनकी लंबी आयु के लिए के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती है। ये व्रत हर वर्ष भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है।

हरतालिका तीज पर बन रहा विशेष संयोग

इस वर्ष हरतालिका तीज पर विशेष संयोग बन रहा है ,इस साल शुक्ल योग के साथ रवि योग, हस्त नक्षत्र व चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने सौभाग्य की कामना करती हैं। यह पूजा सुबह और शाम के समय की जाती है।

हरतालिका तीज को कुंवारी कन्याएं व सुहागन महिलाएं अपनी कामनाओं की पूर्ति और सुखी वैवाहिक जीवन एवं पति की दीर्घायु की कामना के लिए सबसे ख़ास होता है। इस दिन महिलाएं पूरे 24 घंटे का कठोर व्रत रखती हैं इस दौरान किसी भी तरह के अन्न एवं जल का सेवन नहीं करती हैं।

इस दिन महिलाएं भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भोर में अपना व्रत शुरू करती हैं और दूसरे दिन चतुर्थी को भोर में इसे समाप्त करती हैं। व्रत शुरू होते ही महिलाओं को एक संकल्प लेना होता है, जिसे जीवन भर निभाना होता है

व्रत में सोलह श्रृंगार का महत्व

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हरतालिका तीज के व्रत में सोलह श्रृंगार का बहुत महत्व होता है । इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, मांग में सिन्दूर ,माथे में बिंदिया, गले में मंगलसूत्र, पावों में बिछुआ और पायल , हाथों में रंगबिरंगी चूड़ियां इन सबसे अपना श्रृंगार करती हैं.

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त

इस वर्ष हरतालिका तीज 6 सितम्बर को मनाई जाएगी। इस वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी. इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगा।

हरतालिका तीज पूजन विधि

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हरतालिका तीज पूजन विधि में सबसे पहले चौकी सजाकर चौकी के चारों-ओर केले के पत्तों से कलावा बांध दें। इसके बाद साफ कपड़ा बिछाकर कलश की स्थापना कर गणेश जी को प्रणाम करें।महिलाएं हस्तनिर्मित शिव व पार्वती की मूर्ति को आसन पर रखकर पूजा शुरू करें। इस पूजन में मिट्टी या रेत से शिव परिवार बनाकर पूजन किया जाता है। इसके बाद भगवान् भोलेनाथ का जलाभिषेक कर माता पार्वती को 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करें।

इसके पश्चात अगरबत्ती, धूप, दीप, शुद्ध घी, पान, कपूर, सुपारी, नारियल, चंदन, फल, फूल के साथ आम, केला, बेल व शमी पात्र से पूजन करें। हरतालिका तीज व्रत की कथा का पाठ करें। फिर आरती के पश्चात भगवान् को भोग लगाएं और अपनी मनोकामना मांगे। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाये रात्रि में भजन कीर्तन करते हुए रात्रि जागरण करती हैं। ऐसी मान्यता है की जो भी महिला इस पूजन एवं व्रत को सच्चे हृदय से करती है भगवान उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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