₹ 23/- प्रति किलो की लागत आती है देसी घी बनाने में!
आज हम लोग बात करने वाले हैं चमड़े के लिए प्रसिद्ध कानपुर की जहां जाजमऊ नाम का एक इलाका है जो की गंगा के किनारे पड़ता है.वहां के 10 से 12 किलोमीटर के दायरे में आपको सांस लेने में दिक्कत होगी उसका कारण है सैकड़ो की तादाद में भटियां धधक रही होती हैं और इन भट्ठियों के धधकने का कारण है इनमें गलाई जाने वाली जानवरों की चर्बी.
और इसका मुख्ता तीन वस्तु बनाने में प्रयोग किया जाता है ,जो की है :

- फेविकोल या ग्लू
- घरों की दीवारों में जान डाले वाला वॉल पेंट
- सबसे मुख्य,सेहतमंद घी
जहां तक शुद्ध देसी घी की बात है यह की थोक मार्केट में 120 से 150 रुपए प्रति किलो के खुले आम बिकता है, और इसे बोलचाल की भाषा में ’पूजा वाला घी’ या ’शुद्ध देसी घी’ का इस्तेमाल करके बेचा जाता है. इसका सबसे ज्यादा प्रयोग धार्मिक कामों में उसे होता है जैसे पूजा करने भंडारे करने और अन्य भी भक्ति युक्त कार्य,भक्ति जन इसका इस्तेमाल पूजा जैसे पवित्र कामों में करके पुण्य एवं फल प्राप्ति की कामना करते है.

और इसी शुद्ध देसी घी की पहचान करना अत्यंत कठिन होता है यह घी , शुद्ध रवे दार दिखने वाला ज़हर अपने अंदर प्राकृतिक सुगंध बेजोड़ बनाए रखता है जिससे इसकी पहचान करना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
औद्योगिक क्षेत्र में इस पवित्र दिखने वाले शुद्ध घी का भी बहुत इस्तेमाल किया जाता है, गांव की शादियों में लोग वनस्पति घी से लड्डू एवं मिठाइयों इस शुभ अवसर पर इस्तेमाल करते हैं, अनजाने में शाकाहारी लोग भी फस जाते हैं जो जाने अनजाने में इसका इस्तेमाल करते हैं, जिन लोगों ने मांस अंडे न खाने और व्रत रखने का अपने जीवन का उद्देश्य बनाया होगा ,यह घी उनकी भावनाओं और श्रद्धा को ठेस पहुंचा रहा है.
घर में लोग इसको त्योहार और स्वादिष्ट खाना जैसे चटपटी सब्जियां, मिठाइयां एवं अन्य कई खाद्य पदार्थ बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं , वह घी एक पशु के चमड़े से बना हुआ कानपुर होकर आप के खाद्यपदार्थों में आता है.

यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि जो शुद्ध घी हम बाजार से खरीद के लाते हैं उसमें क्या-क्या मिला होगा. यह कोई बड़ी बात नहीं है की देसी घी बेचने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां ऐसा जहर बेच के अपनी जेब भर रहे हैं.
इसलिए ये बहस बेमानी हैं कि कौन घी को कितने में बेच रहा हैं,
अगर शुध्द घी ही खाना है तो अपने घर में गाय पाल कर ही शुध्द खा सकते हो, या किसी गाय भैंस वाले के घर का घी लेकर खाएँ, यही बेहतर होगा! आगे आपकी इच्छा..