Gauri Lankesh murder Case: SC ने जमानत के खिलाफ कर्नाटक सरकार की याचिका पर आरोपी को किया नोटिस जारी

Picsart 24 03 02 15 20 12 067

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के आरोपी मोहन नायक की जमानत रद्द करने के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया.

नायक 5 सितंबर, 2017 को गौरी लंकेश हत्या मामले में एक मुख्य आरोपी है और उसने कथित तौर पर हत्या के लिए साजो-सामान सहायता प्रदान की थी. 7 दिसंबर, 2023 को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई में देरी के आधार पर नायक को जमानत दे दी. जबकि वह इस मामले में जमानत पाने वाले पहले आरोपी हैं, अन्य आरोपियों ने भी बाद में जमानत मांगी है.

कर्नाटक सरकार ने पिछले महीने उच्च न्यायालय के जमानत आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी. इससे पहले दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने नायक को जमानत दिए जाने के खिलाफ गौरी लंकेश की बहन कविता की याचिका भी स्वीकार कर ली थी. नायक को जुलाई 2018 में कर्नाटक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा गिरफ्तार किया गया था और जुलाई 2022 से उस पर मुकदमा चल रहा है. गवाहों द्वारा उसकी पहचान उस व्यक्ति के रूप में की गई है जिसने पश्चिम के कुंबलगोडु क्षेत्र के पास थगाचगुप्पे गांव में एक घर किराए पर लिया था. हत्या को अंजाम देने से पहले शूटरों ने बेंगलुरु को कथित तौर पर ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल किया था.

कैसे हुई आरोपी की पहचान

नायक के फोन नंबर की पहचान उस नंबर के रूप में भी की गई, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक क्लिनिक चलाने के बहाने अगस्त 2017 में घर को किराए पर देने के लिए घर के मालिक के साथ बातचीत करने और हत्या के तुरंत बाद घर छोड़ने के फैसले के लिए किया गया था.

इससे पहले, नायक की जमानत याचिका, जिस पर आरोपियों को मोबाइल फोन और सिम कार्ड जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी आरोप है, इसको उच्च न्यायालय और जिला अदालतों ने खारिज कर दिया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में कर्नाटक को हटाने के उच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया था. संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के आरोप है.

उच्च न्यायालय की याचिका में जिसमें उन्हें जमानत दी गई थी, नायक ने तर्क दिया कि आरोप पत्र में 527 गवाह थे और अब तक केवल 90 गवाहों से पूछताछ की गई है और तत्काल निकट भविष्य में मुकदमा पूरा होने की संभावना नहीं है. कर्नाटक एसआईटी ने अतीत में अदालतों में तर्क दिया है कि मुकदमे में अधिकांश देरी स्वयं अभियुक्तों द्वारा बार-बार दायर किए गए आवेदनों और 2020 और 2021 में कोविड संकट के कारण हुई थी.

2013 और 2018 के बीच गौरी लंकेश और हिंदुत्व के तीन अन्य आलोचकों को मारने के लिए गुप्त ऑपरेशन चलाने के आरोपी हिंदू जनजागृति समिति के पूर्व कार्यकर्ता अमोल काले की डायरी में उनका फोन नंबर पाए जाने के बाद एसआईटी जांच नायक तक पहुंची.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top