गणपति विसर्जन का महत्व और शुभ मुहूर्त
गणेशोत्सव 2024 का समापन 17 सितंबर को गणपति विसर्जन के साथ हो रहा है. इस साल गणेशोत्सव की शुरुआत 7 सितंबर से हुई थी. दस दिनों तक भक्तों ने गणपति जी की पूजा अर्चना की, और अब उनके विदाई का समय आ गया है. यदि आप अपने व्यस्त दिनचर्या के कारण सुबह का शुभ मुहूर्त नहीं चुन पाए हैं, तो चिंता न करें. गणपति विसर्जन के लिए शाम के समय भी कई शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं, जिसमें आप विसर्जन कर सकते हैं.
शुभ मुहूर्त में विसर्जन का लाभ
धार्मिक मान्यता के अनुसार, किसी भी शुभ कार्य को शुभ मुहूर्त में करने से व्यक्ति को अच्छे परिणाम मिलते हैं. गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त इस साल निम्नलिखित है:
- अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): दोपहर 1:53 बजे से शाम 6:30 बजे तक
- सायाह्न मुहूर्त (चर): शाम 6:30 बजे से रात 7:58 बजे तक
- रात्रि मुहूर्त (लाभ): रात 10:53 बजे से रात 12:21 बजे तक
इन समयों में गणेश जी का विसर्जन करना अत्यंत शुभ माना जाता है और इससे भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है.
गणपति विसर्जन की विधि
गणपति विसर्जन से पहले विधि-विधानपूर्वक पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। पूजा में गणेश जी को लाल चन्दन, लाल फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी और धूप-दीप अर्पित करें. पूरे परिवार के साथ गणपति की आरती करें। विसर्जन के दौरान गणेश जी के हाथों में लड्डू की पोटली रख दें. ऐसी मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति अपने घर लौटते हैं, और उन्हें खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए. इसलिए विसर्जन से पहले गणेश जी से अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें और उनके जल्द लौटने की कामना करें.
हवन का आयोजन
यदि संभव हो, तो विसर्जन से पहले घर में हवन का आयोजन करें। हवन के दौरान गणपति जी के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है.