G-20: वित्त मंत्री Nirmala Sitaraman ने जलवायु कार्रवाई के बीच संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया

Untitled design 55 2

भारत की वित्त मंत्री Nirmala Sitaraman ने जी-20 सम्मेलन में विकास प्राथमिकताओं और जलवायु कार्रवाई के बीच संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उनका यह बयान वैश्विक आर्थिक सहयोग और जलवायु संकट के संदर्भ में महत्वपूर्ण है.

विकास प्राथमिकताओं का महत्व

Nirmala Sitaraman ने स्पष्ट किया कि विकास प्राथमिकताएं किसी भी देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक हैं. वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हुए, यह जरूरी है कि विकासशील देशों को उचित संसाधन और सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इन विकास प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, जी-20 देशों को अपने नीतियों में सुधार करना होगा.

जलवायु कार्रवाई की अनिवार्यता

वित्त मंत्री ने जलवायु परिवर्तन के संकट के प्रति जागरूकता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सिर्फ पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह आर्थिक विकास से भी जुड़ा है. जलवायु परिवर्तन से होने वाले प्रभावों से निपटने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जी-20 देशों को एक साथ मिलकर कार्य करना चाहिए ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सके.

संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता

Nirmala Sitaraman ने बताया कि विकास प्राथमिकताओं और जलवायु कार्रवाई के बीच संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है. विकासशील देशों की आर्थिक वृद्धि के लिए संसाधनों की आवश्यकता होती है, लेकिन इसे ध्यान में रखते हुए, उन्हें पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी कदम उठाने चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि जी-20 देशों को एक ऐसा ढांचा विकसित करना चाहिए जो विकास और पर्यावरणीय सुरक्षा दोनों को प्रोत्साहित करे.

वित्तीय संसाधनों का आवंटन

वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है. उन्हें अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से सहायता की आवश्यकता है ताकि वे अपने विकासात्मक लक्ष्यों को हासिल कर सकें. इस संदर्भ में, उन्होंने जी-20 देशों से अपील की कि वे वित्तीय संसाधनों का सही ढंग से आवंटन करें.

वैश्विक सहयोग का महत्व

Nirmala Sitaraman ने वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर भी बल दिया. उन्होंने कहा कि एकजुटता के माध्यम से ही हम जलवायु परिवर्तन के मुद्दों का समाधान कर सकते हैं. जी-20 देशों को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि वे न केवल अपने देशों में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी स्थायी विकास की दिशा में कदम उठा सकें.

भविष्य की दिशा

इस बैठक में उठाए गए मुद्दे भविष्य की दिशा निर्धारित करेंगे. Nirmala Sitaraman ने कहा कि अगर जी-20 देशों ने विकास और जलवायु कार्रवाई के बीच संतुलन बनाए रखने का निर्णय लिया, तो यह न केवल उनके देशों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए फायदेमंद होगा. यह एक स्थायी और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Home
Google_News_icon
Google News
Facebook
Join
Scroll to Top