एटीएफ की कीमतों में कटौती, क्या सस्ते होंगे फ्लाइट टिकट?

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सितंबर 2024 का महीना शुरू हो गया है और इस महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियों ने एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल) की कीमतों में कटौती का ऐलान किया है. तेल कंपनियों की ओर से जारी अपडेट के अनुसार, एटीएफ की कीमतों में 4.58 फीसदी की कमी की गई है. यह कटौती उन एयरलाइन कंपनियों के लिए राहत की खबर है जिनकी परिचालन लागत में ईंधन की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है.

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एटीएफ की नई कीमतें

दिल्ली में एटीएफ की नई कीमत 4,495.5 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है, जबकि पहले यह 93,480.22 रुपये प्रति किलोलीटर थी. मुंबई में भी एटीएफ की कीमत 91,650.34 रुपये से घटाकर 87,432.78 रुपये प्रति किलोलीटर कर दी गई है. इससे पहले, 1 अगस्त 2024 को जेट ईंधन की कीमतों में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी, जो जून में 6.5 प्रतिशत की भारी कटौती के बाद की गई थी.

कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी

सिर्फ एटीएफ ही नहीं, बल्कि तेल कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है. अगस्त के बाद, सितंबर में भी कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में 39 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में लगातार दूसरी बार वृद्धि की गई है.

क्या सस्ते होंगे फ्लाइट टिकट?

एटीएफ की कीमतों में की गई कटौती एयरलाइन कंपनियों के लिए सकारात्मक संकेत है. हालांकि, यह देखने वाली बात होगी कि क्या एयरलाइन कंपनियां इस कटौती का लाभ सीधे तौर पर ग्राहकों को फ्लाइट टिकटों की कीमतों में कमी के रूप में देती हैं या नहीं. आमतौर पर, जब एटीएफ की कीमतें घटती हैं, तो फ्लाइट टिकटों के दाम भी कम होने की संभावना रहती है, लेकिन एयरलाइन कंपनियों की नीति और अन्य परिचालन लागत भी इस पर प्रभाव डाल सकती है.

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तेल कंपनियों की कीमतों में नियमित बदलाव

हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियां एटीएफ और एलपीजी सिलेंडर की कीमतों को अपडेट करती हैं. यह बदलाव वैश्विक तेल कीमतों, आपूर्ति और मांग के आधार पर किए जाते हैं. अगस्त में कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में की गई बढ़ोतरी के बाद, यह देखने की जरूरत है कि आने वाले महीनों में तेल कंपनियां किस तरह की रणनीति अपनाती हैं.

इन बदलावों के साथ ही, एटीएफ और कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में की गई कटौती और वृद्धि आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है. निवेशक, व्यापारिक कंपनियां, और आम लोग सभी इन परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए अपनी योजनाओं और बजट में बदलाव कर सकते हैं.

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