आजकल युवाओं को रोजगार देने के नाम पर बहुत ठगी और शोषण के मामले सामने आ रहे हैं और युवा भी रोजगार के लालच में ऐसे मामलों में फसते हुए दिखाई देते हैं. इसी तरह के एक झूठी नौकरी देने वाले लोगों के रैकेट का पर्दाफाश हो गया है. यह रैकेट म्यांमार से ऑपरेट किया जा रहा था. भारत सरकार द्वारा बहुत से युवा जो इस फर्जी नौकरी के रैकेट में फंसे हुए थे उन्हें बाहर निकल गया है.
म्यांमार हाई स्कैम का सेंटर
बढ़ती जनसंख्या और रोजगार की कमी के कारण हर युवा परेशान है ऐसे में इसी बात का फायदा उठाते हुए बहुत से देश झूठी नौकरी का आश्वासन देकर उन्हें फसाते हैं. मिली हुई जानकारी के अनुसार यह है झूठी नौकरी देने का रैकेट म्यांमार से चलाया जा रहा है. यह लोग पहले नौकरी देने का आश्वासन देकर उन्हें अपने पास अन्य देशों में बुलाते हैं. और फिर उनके वहां पहुंचने के बाद पासपोर्ट छीन लेते हैं. पासपोर्ट छीनने का काम अधिकतर लाओस और थाईलैंड जैसे देशों में किया जाता है. इसके बाद इनका मानसिक व शारीरिक शोषण भी किया जाता है.
सरकार न होना स्कैम का एक कारण
थाईलैंड में भारत की तरफ से रह रहे राजदूत नागेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जब से म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट हुआ है उसके बाद से ही म्यांमार में इस तरीके के स्कैम को चलाया जा रहा है. और इसका सबसे बड़ा कारण वहां पर सरकार न होना है जिसकी वजह से वहां पर अलग-अलग जगह रिवॉल्ट ग्रुप देखने के लिए मिलते हैं. भारत सरकार के लिए भी इस तरह के स्कैम में फंसे लोगों को बाहर निकालना बहुत चुनौतियों से भरा एवं मुश्किल होता है.
बहुत से भारतीय को किया जा चुका है रेस्क्यू
भारतीय राजदूत नागेश सिंह ने स्कैम के बारे में जानकारी देते हुए यह भी बताया कि भारत सरकार ने अब तक लगभग 488 नागरिकों को इस स्कैम से निकाल कर वापस अपने देश भारत में भेजा है और इन लोगों को लाओस पीडीआर से रेस्क्यू किया गया है. इस तरह के स्कैम में भारतीयों के साथ-साथ एशिया के में साउथ ईस्ट की तरफ के देशों के लोग भी फसे हुए है.
भारत अपने नागरिकों के लिए जारी कर रहा एडवाइजरी
म्यांमार में चल रहे इस तरह के स्कैम से लड़ना आसपास के देशों के लिए बहुत चुनौतियों से भरा हुआ है. इन सब से बचने के लिए भारत सरकार अपने नागरिकों के लिए समय-समय पर एडवाइजरी भी देती रहती है.