दिल्ली के एम्स अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने 11 दिनों से चल रही हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया है. यह हड़ताल कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के विरोध में की जा रही थी. सुप्रीम कोर्ट की अपील और निर्देश के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया है, जिससे इलाज के लिए अस्पताल आने वाले मरीजों को बड़ी राहत मिली है.
हड़ताल की पृष्ठभूमि
12 अगस्त से दिल्ली के एम्स में रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू की थी. हड़ताल का कारण कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुई हिंसा था. डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) और नियमित सर्जरी सेवाओं पर गंभीर असर पड़ा. इस हड़ताल के दौरान दिल्ली में 10,000 से अधिक मरीजों की सर्जरी को टालना पड़ा, जिससे मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
हड़ताल के चलते स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया. कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लिया और उन्हें हड़ताल खत्म करने की अपील की. कोर्ट के निर्देशों के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया. डॉक्टरों ने अपने बयान में कहा कि वे राष्ट्र हित और सार्वजनिक सेवा की भावना को देखते हुए हड़ताल समाप्त कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहे हैं.
डॉक्टरों की प्रतिक्रिया
रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपने बयान में कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट की अपील और निर्देशों के प्रति अपनी सराहना व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि देशभर में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की पहल को महत्वपूर्ण मानते हैं और इसे ध्यान में रखते हुए हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया गया है. डॉक्टरों ने उम्मीद जताई है कि इस फैसले से भविष्य में चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जाएंगे.
अस्पतालों में स्थिति
हड़ताल के दौरान एम्स में नियमित सर्जरी और ओपीडी सेवाओं में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हुआ. इससे मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और इलाज में देरी हुई. अब हड़ताल समाप्त होने के बाद, अस्पतालों में सेवाएं सामान्य होने की उम्मीद है और मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा. डॉक्टरों ने जल्द ही काम पर लौटने का निर्णय लिया है, जिससे अस्पतालों में राहत का माहौल पैदा हुआ है.
भविष्य की तैयारी
इस घटना के बाद, एम्स और अन्य अस्पतालों ने भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए योजनाएं बनानी शुरू कर दी हैं. डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. साथ ही, अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की बेहतर सेवा के लिए तैयारी पूरी कर ली है और सेवाओं को सामान्य रूप से बहाल करने की दिशा में काम कर रहा है.