Dairy Farming Subsidy
Dairy Farming के लिए सरकार दे रही 33% तक की सब्सिडी। डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही है जिससे पशुपालन के व्यवसाय को बढ़ावा मिले और ज्यादा से ज्यादा डेरी फार्म खुल सके। गांव में किसानों को सबसे ज्यादा आय खेती से होती है इसके बाद सबसे ज्यादा पशुपालन को आय स्रोत माना जाता है.
पशुपालन के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी कई सारी योजनाएं लेकर आती रहती हैं इसके अंतर्गत डेरी एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम (DEDS )लॉन्च की गई है जिसमें किसानों को 33% तक की सब्सिडी दी जाती है।
डेयरी उद्यमिता विकास क्या है
डेयरी उद्यमिता विकास यानी की डेरी इंटर्नशिप डेवलपमेंट स्कीम एक ऐसी स्कीम है, जिसमें भारत में डेयरी का उद्योग लगाने वाले व्यवसाईयों को डेरी का यह उद्योग स्थापित करने या उनका विस्तार करने की के लिए मदद की जाती है ,जिसमें उनको सब्सिडी भी दी जा रही है इसमें इस योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाता है जिस डेरी उद्योग को बढ़ावा मिले।
वित्तीय सहायता कैसे दी जाती है
डी ई डी एस में पशु को खरीदने, सेट बनाने और उपकरण को खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है वही डीडीएस योजना में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं ताकि उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जा सके ,साथ ही साथ बाजार संपर्क को डेयरी सहकारी समितियां दूध महासंघ की डेयरी कंपनियों से जुड़ने में मदद भी करता है।
डेयरी उद्यमिता विकास योजना का उद्देश्य
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य पशुपालन उद्यम को बढ़ावा देना है, जिससे उद्यमी इस क्षेत्र में निवेश कर पशुपालन को बढ़ावा दे। इस योजना से दूध उत्पादन के साथ-साथ पनीर ,खोया , घी आदि उत्पादन भी निकालते हैं जिससे इन सब उत्पादों को बनाने वाली कंपनियों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
डेयरी उद्यमिता विकास योजना से लाभ
इस योजना से ग्रामीण युवाओं और किसानों को खुद का रोजगार मिलेगा और उनके लिए आजीविका के साधन उत्पन्न होंगे और उनकी आर्थिक सहायता होगी और वह आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे। इस योजना में दूध के उत्पादन से दूध के डेरी प्रोडक्ट जैसे खोया , पनीर ,चीज इन सब चीजों से संबंधित व्यापारों को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस योजना का लाभ किसे मिल सकता है
इस योजना का लाभ किसानों को, एकल उद्यमियों को, संगठित और संगठित क्षेत्र समूहों को ,डेयरी सहकारी समितियां को ,मिल्क यूनियन और फेडरेशन समिति को मिल सकता है. इस योजना के अंतर्गत व्यक्ति को सिर्फ एक ही बार सहायता प्राप्त हो सकती है।
कितने मिलते है सब्सिडी
इसमें से एक लाख से अधिक के लोन के लिए एंटरप्रेन्योर का लोन अमाउंट 10% तक होता है इसमें जनरल को 25% तक की सब्सिडी दी जाती है और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को 33.33 प्रतिशत की सब्सिडी जाती है।