Dairy Farming
Dairy Farming के बिजनेस को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जा रही है जिसका प्रमुख उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देना है और पशुपालन का व्यापार करने वाले किसानों की वित्तीय सहायता करना है .
सरकार के द्वारा समय-समय पर कई योजनाएं चलाई जाती है जिनमें से मध्य प्रदेश में उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चारण मांझी के द्वारा ‘मुख्यमंत्री कामधेनु योजना‘ की शुरुआत की गई है ,हमारे देश में अधिकतर किसान खेती बाड़ी और अपनी जीविका के साधन के लिए पशुओं पर निर्भर रहते हैं ऐसे में पशुपालन करके वह एक वह अपना व्यापार कर सकते हैं और अच्छा खासा मुनाफा भी कमा सकते हैं।
मुख्यमंत्री कामधेनु योजना

मुख्यमंत्री कामधेनु योजना उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चारण मांझी के द्वारा शुरू की गई योजना है जिसका लाभ किसानों को आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा ,जिसमें किसानों को दुधारू गाय भैंस खरीदने के लिए लोन दिया जाएगा और इस लोन पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी ताकि वे अपना खुद का व्यापार शुरू कर एक अच्छी आमदनी कर सके।
मुख्यमंत्री कामधेनु योजना उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चारण मांझी के द्वारा शुरू की गई योजना है ,जिसका लाभ किसानों को और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दिया जाएगा जिसमें किसानों को दुधारू गाय भैंस खरीदने के लिए लोन दिया जाएगा और इस लोन पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी ताकि वे अपना खुद का व्यापार शुरू कर सके .
मुख्यमंत्री कामधेनु योजना में कितना होगा खर्च

इस योजना में राज्य सरकार के द्वारा 1423.47 करोड रुपए का खर्च किया जाएगा इस योजना को मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई है, इस योजना का प्रमुख उद्देश्य उन किसानों को इसका लाभ देना है जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और जो अपनी जीविका उत्पादन के लिए पशुओं को पालते हैं इस योजना का लक्ष्य 15 लाख से अधिक किसानों को इसका लाभ देना है ताकि वह अपने जीवन को पशुपालन का व्यापार करके बेहतर बना सके .
गोपालन योजना की होगी शुरुआत
इस योजना के साथ-साथ सरकार गोपालन योजना की भी शुरुआत कर रही है जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाना है ,इस योजना के तहत 31,500 से अधिक किसानों को आने वाले 5 सालों में इसका लाभ मिलेगा ,वहीं इस योजना में सरकार 476 करोड रुपए खर्च करेगी।
पशुओं का बीमा

सरकार ने इस योजना के अंतर्गत पशुओं का बीमा करने पर भी पैसे खर्च करने की बात कही है ,इसमें 187 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे इसमें से बीमा कंपनियों के द्वारा 85% सहयोग दिया जाएगा और बाकी का 15% किसानों को किसानों को वहन करना होगा।