विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत देश के शीर्ष पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी होने तक धरना जारी रखने का ऐलान किया है।
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष (डब्ल्यूएफआई) बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। मामले की सुनवाई सीजेआई (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है। बुधवार 3 मई को सुनवाई के दौरान पहलवानों की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कुछ दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में दाखिल करने की मंजूरी मांगी।
पहलवानों के वकील ने कहा CJI डीवाई चंद्रचूड़ से कहा, ‘यह महिला पहलवानों से छेड़छाड़ का मामला है। क्या मैं अदालत में एक सीलबंद लिफाफा दाखिल कर सकता हूं? यह कुछ ऐसा है जिसे सार्वजनिक डोमेन में नहीं रखा जा सकता है।’ इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हां।’
इसके बाद दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘मामले की पहले से ही जांच चल रही है। आप इसे जांच एजेंसी को क्यों नहीं दिखाते? आप मुझे इसे जांच अधिकारी (IO) के साथ शेयर करने दें।’ इस पर पहलवानों की ओर से पेश वकील बोले, ‘निश्चित रूप से कोई समस्या नहीं है, लेकिन मैं आपसे कल बहस करूंगा।’
जंतर-मंतर पहुंची पीटी उषा।
इस बीच, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) की अध्यक्ष और दिग्गज एथलीट पीटी उषा बुधवार 3 मई 2023 की सुबह धरना दे रहे पहलवानों से मिलने जंतर-मंतर पहुंचीं। पीटी उषा ने कुछ समय पहले ही पहलवानों के धरना देने को अनुशासनहीनता करार दिया था। उनका कहना था कि इससे देश की छवि को खराब हो रही है। किसान नेता राकेश टिकैत भी पहलवानों से जंतर-मंतर पहुंचे।
बता दें विश्व कुश्ती चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट, टोक्यो 2020 के पदक विजेता बजरंग पूनिया, रियो 2016 की पदक विजेता साक्षी मलिक साक्षी मलिक समेत कुछ शीर्ष भारतीय पहलवान पिछले रविवार 23 अप्रैल 2023 से राजधानी में जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं।
भाला फेंक खिलाड़ी और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा और बीजिंग ओलंपिक के गोल्ड मेडिलस्ट निशानेबाज अभिनव बिंद्रा समेत भारतीय खेल बिरादरी ने भी पहलवानों का समर्थन किया है। साथ ही महिला पहलवानों को न्याय दिलाने की मांग की है