अंटार्कटिका के ऊपर ठंडी हवा के घूमते द्रव्यमान, जिसे अंटार्कटिक ध्रुवीय भंवर के नाम से जाना जाता है, में असामान्य गतिविधियों ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है. इस साल यह भंवर नाटकीय रूप से कमजोर हो गया है, जिससे मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिल रहा है. हवा की गति में कमी आने के कारण ठंडी हवा बाहर निकल गई है और गर्म हवा अंटार्कटिका में प्रवेश कर गई है, जिससे भंवर की सामान्य स्थिति प्रभावित हुई है.
भंवर की कमजोर स्थिति और इसके प्रभाव
आमतौर पर शांत रहने वाला यह ध्रुवीय भंवर इस साल बेहद कमजोर हो गया है. हवा की गति में कमी के कारण ठंडी हवा बाहर निकल गई है और गर्म हवा ने भंवर के अंदरूनी हिस्सों में प्रवेश कर लिया है. इसका परिणाम यह हुआ है कि भंवर अपनी सामान्य स्थिति से हट गया है। इसके कारण ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में ठंड का मौसम आ गया है, जबकि अंटार्कटिका में गर्मी बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है.
स्ट्रेटोस्फेरिक वार्मिंग का खतरा
वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि हवा की गति में बार-बार कमी आने से भंवर की दिशा में अचानक बदलाव हो सकता है, जिसे स्ट्रेटोस्फेरिक वार्मिंग कहा जाता है. यह प्रक्रिया पहले से ही बिगड़ती स्थिति को और भी खराब कर सकती है. ब्रिटेन के सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय के साइमन ली ने कहा है कि भंवर में मामूली बदलाव भी बड़े प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे किसी बड़ी घटना का संकेत मिल सकता है.
असामान्य संरचना और संभावित खतरें
ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड विश्वविद्यालय में दक्षिणी ध्रुवीय भंवर के व्यवहार का अध्ययन करने वाली चैंटेल ब्लाचुट ने बताया कि इस साल की संरचना बहुत असामान्य है. गर्म हवा इस भंवर पर खतरनाक प्रभाव डाल रही है, जिससे इसके दोनों ओर की संरचनाओं पर खिंचाव बढ़ रहा है. यह स्थिति बेहद अनिश्चित है और इसके संभावित दूरगामी परिणाम हो सकते हैं.
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
वैज्ञानिकों का मानना है कि अंटार्कटिक भंवर की अस्थिरता में जलवायु परिवर्तन का महत्वपूर्ण योगदान है. कम होती समुद्री बर्फ और हंगा टोंगा-हंगा हापाई ज्वालामुखी विस्फोट जैसे कारक भंवर की असामान्य गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं. यदि यह भंवर विभाजित होता है, तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं.
संभावित परिणाम और वैश्विक चिंताएं
भंवर की अस्थिरता के कारण अंटार्कटिका में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में भीषण गर्मी और सूखा पड़ने का खतरा भी बढ़ गया है. इस असामान्य स्थिति ने वैश्विक मौसम पैटर्न पर संभावित प्रभावों को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं. वैज्ञानिक इस स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और समय रहते आवश्यक कदम उठाने की योजना बना रहे हैं.
निष्कर्ष
अंटार्कटिका के ध्रुवीय भंवर में हो रहे असामान्य बदलावों ने वैज्ञानिकों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है. इसके कारण वैश्विक मौसम में भी असामान्य घटनाएं देखने को मिल सकती हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों द्वारा जारी किए गए अलर्ट को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है, ताकि इस स्थिति से निपटने के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जा सकें.