MGNAREGA Scheme
पिछले 10 सालों में, भारतीय सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम MGNAREGA पर बजट से ज्यादा खर्च किया है. ये योजना ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी. पिछले एक दशक में, सरकार ने इस योजना पर अपने निर्धारित बजट से कहीं ज्यादा धन खर्च कर दिया है. आपको बतादें, कि पिछले कुछ सालों में सरकार ने अपनी हिस्सेदारी को इन स्कीमों में बढ़ा दिया है. इस हिस्सेदारी को बढ़ाने में सरकार की कुछ योजनांए भी रही है. जिसका लोगों को काफी फायदा मिल रहा है. बतादें, कि सरकार का इस स्कीम में खर्च को बढ़ाना एक उद्देश्य है. जिससे कि राज्यों को ज्यादा से ज्यादा वित्तीय सहायता दी जा सके. आइए अब जानते है इसके फायदों के बारें में
मनरेगा पर खर्च की जरूरी बातें
. उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को कम करना और लोगों को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक तौर पर मदद करना.
. बजट: हर साल सरकार एक बजट तय करती है, लेकिन देखा गया है कि हमेशा बजट से ज्यादा ही खर्च हर एक क्षेत्र में देखनें को मिलता है.
. प्रभाव: इस योजना की मदद से लाखों लोगों को रोजगार मिला है और उनका जीवन स्तर सुधरा है.
बजट से ज्यादा खर्च करने के कारण
. बढ़ती मांग ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की बढ़ती मांग के कारण सरकार को बजट से ज्यादा पैसा यहां पर खर्च करना पड़ा है.
. महामारी का प्रभाव कोविड.19 महामारी के दौरान, बड़ी संख्या में ग्रामीण मजदूरों ने इस योजना का सहारा लिया.
. ’महंगाई महंगाई के कारण मैटिरियल और मजदूरी की लागत बढ़ गई, जिससे बजट से ज्यादा खर्च करना पड़ा.
केंद्र की हिस्सेदारी बढ़ाने के फायदे
. समन्वय केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय से योजनाओं का सफल कार्य करने में मदद मिलती है.
. वित्तीय सहायता केंद्र की अधिक हिस्सेदारी से राज्यों को अधिक वित्तीय सहायता मिलती है.
.प्रभावी निगरानी केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बढ़ने से योजनाओं की निगरानी और देखरेख सही तौर पर की जाती है.
MGNAREGA समेत इन योजनाओं में भी बढ़ी सरकार की हिस्सेदारी
. प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों को घर मुहैया कराने की योजना.
.स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छता और शौचालय बनाने पर जोर.
. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना किसानों को सिंचाई की सुविधाएं प्रदान करना.