तेलंगाना में भाजपा की बढ़ती ताकत जैसा कि लोकसभा चुनाव परिणाम में परिलक्षित हुआ भारत राष्ट्र समिति बीआरएस की भर्ती किस्मत और बीआरएस नेताओं के खिलाफ विभिन्न जांचों की आँच ने दोनों दलों के नेताओं के बीच गठबंधन के लिए बातचीत को प्रेरित किया है. कुछ भाजपा नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि संकटग्रस्त क्षेत्रीय पार्टी पर विलय के लिए दबाव डाला जाए हालांकि भाजपा में अन्य लोग बीआरएस के साथ किसी भी समझौते के खिलाफ है इसके शीर्ष नेतृत्व को विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन और लोकसभा चुनाव में हर के बाद अवैध माना जा रहा है.

नवीनतम चुनावी झटको के बाद बीआरएस अपने नेताओं के कांग्रेस में पलायन से जूझ रहा है यहां तक की इसके बीमार प्रमुख के चंद्रशेखर राव या कर जनता से लगभग अनुपस्थित हैं बीआरएस राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा उसके नेताओं पर मामले लगाए जाने से भी घबराई हुई है. केसीआर की बेटी कविता और विधायक के हिरासत में होने के कारण पार्टी पहले से ही केंद्रीय एजेंसियों की आलोचना का सामना कर रही है. सूत्रों ने कहा है कि केसीआर के बेटे और बीआरएस नेता केटी रामा राव जो इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली में थे एक व्यवस्था की संभावनाएं तलाशने के लिए भाजपा नेताओं से मिलने आए थे. बीआरएस के साथ गठजोड़ का विरोध करने वाले एक भाजपा नेता ने कहा कि इसके लिए समर्थन भाजपा नेताओं से मिल रहा है जो बीआरएस नेतृत्व विशेष कर इसके प्रथम परिवार को बचाना चाहते हैं. नेता ने कहा हालांकि राज्य इकाई में कई लोगों का मानना यह है कि लंबे समय में भाजपा के लिए आत्मघाती होगा इससे परिवार की रक्षा के प्रयासों के रूप में देखे जाने पर बहुत आलोचना होगी यह वर्ग भी ऐसे प्रयासों को अनावश्यक मानता है क्योंकि भाजपा ने आठ सिम जीतकर राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है.

यह समूह भाजपा के आंध्र के सहयोगियों तड़प और जनसेना पार्टी द्वारा तेलंगाना में गठबंधन की पेशकश का भी विरोध कर रहा है क्योंकि उनका मानना है कि बीजेपी तेलंगाना में अपने दम पर आगे बढ़ाने के लिए तैयार है. यह स्वीकार करते हुए की बरस विकल्पों पर विचार कर रहा है पार्टी नेता और पूर्व लोकसभा सांसद भी विनोद कुमार ने किसी भी संभावना से इनकार नहीं किया यह पूछे जाने पर की क्या भाजपा के साथ गठबंधन या विलय की संभावना है उन्होंने कहा हमारी पार्टी के अधिकांश नेता लोकतांत्रिक और प्रगतिशील हैं और तेलंगाना एक ऐसा राज्य है जिसने स्वतंत्रता पूर्व दिनों से ही संघर्ष देखा है. चुनाव वैसे भी बहुत दूर हैं लेकिन कुमार ने कहा राजनीति में कुछ भी हो सकता है और किसी भी चीज से इनकार नहीं किया जा सकता है.

कुमार ने यह भी कहा कि जो अब सत्ता में है 5 साल पहले 72 स्थिति में थे उन्होंने कहा कि बरस कि हाथों अपने विधायकों को खोने के बाद कांग्रेस के पास केवल पांच विधायक बच्चे थे लेकिन अब वह वापस आ गई है तो हमें वर्तमान स्थिति के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए. एक अन्य बरस नेता ने कहा कि पार्टी को रेवंत रेड्डी के बदले की राजनीति के दर से जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहिए. नेता ने कहा कि आंध्र प्रदेश में जो हुआ उसके बाद मुख्यमंत्री सावधान हो जाएंगे जहां नेता जगनमोहन रेड्डी के सीएम के रूप में उनके प्रतिद्वंदी टीडीपीके एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार करने का काम उल्टा पड़ गया था. जिसके बाद टीडीपी ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की बरस नेता ने कहा रेवंत के गलती दोहराने की संभावना नहीं है चुकी रेवंत जो तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख भी है ने पिछले साल विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत दिलाई 119 में से 64 सिम जीती और बरस को 39 पर काम कर के नेतृत्व वाली पार्टी स्लाइड पर है. एक विधायक की मृत्यु और कांग्रेस के साथ और विधायकों की हार से बरस की ताकत घटकर 31 रह गई है. बरस के साथ एमएलसी भी पाला बदल चुके हैं जबकि लोकसभा चुनाव में यह एक भी सीट नहीं जीत सकी.