प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगापुर दौरे के दौरान भारत और सिंगापुर ने अपने द्विपक्षीय रिश्तों को “कम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” के स्तर पर उन्नत करने का निर्णय लिया है. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
भारत-सिंगापुर के रणनीतिक साझेदारी की उन्नति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान भारत और सिंगापुर ने अपने रिश्तों को एक नई ऊँचाई पर ले जाने का निर्णय लिया है. दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को “कम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” में बदलने पर सहमति जताई है. इसका मतलब है कि दोनों देश अब केवल आर्थिक और व्यापारिक सहयोग तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी एकजुट होकर काम करेंगे. यह कदम दोनों देशों के बीच रिश्तों को और अधिक मजबूत और प्रभावशाली बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
चार समझौतों पर हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भारत और सिंगापुर ने चार प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं
- पहला समझौता: यह समझौता आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए है. इसमें दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा की गई है, जैसे कि व्यापार बाधाओं को समाप्त करना और निवेश के अवसर बढ़ाना.
- दूसरा समझौता: यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए है. इसमें आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, और समुद्री सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के उपाय शामिल हैं.
- तीसरा समझौता: यह समझौता विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए है. इसमें अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच साझेदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर काम किया जाएगा.
- चौथा समझौता: यह समझौता शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए है. इसमें दोनों देशों के बीच शैक्षणिक विनिमय और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए विभिन्न योजनाओं पर सहमति व्यक्त की गई है.
आर्थिक और व्यापारिक सहयोग
भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. दोनों देशों ने व्यापारिक बाधाओं को समाप्त करने और निवेश के अवसर बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर सहमति जताई है. सिंगापुर भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है, और इस समझौते के तहत, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जाएगा. यह दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुँचाएगा और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देगा.
रक्षा और सुरक्षा सहयोग
रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया गया है. यह समझौता आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, और समुद्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर संयुक्त कार्रवाई करने की दिशा में है. दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर काम करने और साइबर हमलों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने की योजना बनाई है. इसके अतिरिक्त, समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच समन्वय को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता किया गया है. इस समझौते के तहत, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में साझेदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा. भारत और सिंगापुर ने मिलकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई खोजों और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परियोजनाओं पर काम करने पर सहमति जताई है. यह कदम दोनों देशों के तकनीकी विकास को गति देगा और वैश्विक प्रौद्योगिकी में नेतृत्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
शिक्षा और सांस्कृतिक सहयोग
शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी एक समझौता किया गया है. इस समझौते के तहत, शैक्षणिक विनिमय कार्यक्रमों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाएगा. दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रमों और शैक्षणिक सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे दोनों देशों के बीच लोगों के बीच समझ और दोस्ती को बढ़ावा मिलेगा.