भारत और अमेरिका ने किया MoU पे हस्ताक्षर : एमएसएमईस को मिलेगा वैश्विक बाजार में बढ़ावा

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भारत और अमेरिका ने एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के एमएसएमई के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और उन्हें वैश्विक बाजारों में पहुंचने में मदद करना है. इस समझौते के तहत, दोनों देशों के एमएसएमई तकनीकी ज्ञान और नवाचारों को साझा करेंगे, जिससे उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं में सुधार करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, दोनों देशों के एमएसएमई को वित्तीय सहायता और नेटवर्किंग के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे.

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भारत और अमेरिका में सहयोग

भारत के एमएसएमई मंत्रालय के सचिव और संयुक्त राज्य अमेरिका के एसबीआई की प्रशाषक इसाबेल कैसिलस ने समझौता ज्ञापन में हस्ताक्षर किए.विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणदीप जायसवाल ने कहा एमएसएमई में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत अमेरिका हाथ मिला रहे हैं भारत और अमेरिका ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया है जो दोनों देशों के एमएसएमईस को वैश्विक बाजार में बढ़ावा देगा.

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इसाबेल कैसिलस , रणदीप जायसवाल

MSMEs को कैसे मिलेगी मदद

  1. तकनीकी सहयोग: एमओयू के तहत, दोनों देशों के एमएसएमई तकनीकी ज्ञान और नवाचारों को साझा करेंगे, जिससे उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं में सुधार करने में मदद मिलेगी.
  2. बाजार पहुंच: समझौता ज्ञापन दोनों देशों के एमएसएमई को एक दूसरे के बाजारों में पहुंचने में मदद करेगा, जिससे उन्हें नए ग्राहकों तक पहुंचने और अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
  3. वित्तीय सहायता: एमओयू के तहत, दोनों देशों के एमएसएमई को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने और विकसित करने में मदद मिलेगी.
  4. क्षमता निर्माण: समझौता ज्ञापन दोनों देशों के एमएसएमई को क्षमता निर्माण में मदद करेगा, जिससे उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी.
  5. नेटवर्किंग: एमओयू के तहत, दोनों देशों के एमएसएमई को नेटवर्किंग के अवसर प्रदान किए जाएंगे, जिससे उन्हें एक दूसरे के साथ जुड़ने और सहयोग करने में मदद मिलेगी.
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भारत और अमेरिका में सहयोग

इससे कैसे होगा महिला सशक्तिकरण

भारत और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन महिला उद्यमियों को कई तरीकों से मदद करेगा

  1. वित्तीय सहायता: समझौता ज्ञापन महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय को शुरू करने और बढ़ाने में मदद मिलेगी.
  2. क्षमता निर्माण: समझौता ज्ञापन महिला उद्यमियों को क्षमता निर्माण में मदद करेगा, जिससे उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी.
  3. नेटवर्किंग: समझौता ज्ञापन महिला उद्यमियों को नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करेगा, जिससे उन्हें अन्य महिला उद्यमियों और व्यवसायिकों के साथ जुड़ने और सहयोग करने में मदद मिलेगी.
  4. बाजार पहुंच: समझौता ज्ञापन महिला उद्यमियों को नए बाजारों में पहुंचने में मदद करेगा, जिससे उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं को वैश्विक स्तर पर बेचने में मदद मिलेगी.
  5. तकनीकी सहयोग: समझौता ज्ञापन महिला उद्यमियों को तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा, जिससे उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं में नवाचार करने में मदद मिलेगी.

भारत में एमएसएमई क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है, और यह देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करता है. अमेरिका के साथ इस समझौते से भारत के एमएसएमई को वैश्विक बाजारों में पहुंचने में मदद मिलेगी और उन्हें अपने उत्पादों और सेवाओं को वैश्विक स्तर पर बेचने में मदद मिलेगी.इस समझौते से दोनों देशों के एमएसएमई को लाभ होगा और वे अपने व्यवसाय को बढ़ाने और विकसित करने में मदद करेंगे. यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को भी बढ़ावा देगा और उन्हें वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका निभाने में मदद करेगा.

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