भारतीय Automobile उद्योग में दोपहिया और ट्रैक्टर सेगमेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. ये न केवल व्यक्तिगत परिवहन के लिए आवश्यक हैं, बल्कि कृषि और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है. हाल ही में, एनालिटिकल फर्म नुवामा द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि दोपहिया उद्योग में 8% वार्षिक वृद्धि और ट्रैक्टर उद्योग में 4% वार्षिक वृद्धि की संभावना है.
दोपहिया उद्योग की 8% वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, दोपहिया उद्योग में आगामी वर्षों में 8% की वार्षिक वृद्धि होने की संभावना है. इस वृद्धि के कई कारण हैं
शहरीकरण और बढ़ती जनसंख्या: भारत में शहरीकरण की दर तेजी से बढ़ रही है. शहरों में अधिक संख्या में लोगों के रहने और कामकाजी जीवन की वजह से दोपहिया वाहनों की मांग बढ़ रही है. सस्ते और किफायती परिवहन की जरूरत के चलते लोगों की प्राथमिकता दोपहिया वाहनों की ओर अधिक होती जा रही है.
ईंधन की लागत में कमी: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर दोपहिया वाहनों की बिक्री पर पड़ता है. वर्तमान में, ईंधन की लागत में कमी के चलते उपभोक्ताओं की खरीददारी की संभावना बढ़ी है.
नई तकनीकी सुविधाएँ: निर्माता कंपनियाँ नई तकनीकी सुविधाओं और डिज़ाइन में निवेश कर रही हैं, जैसे कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन और स्मार्ट बाइक, जो उपभोक्ताओं को आकर्षित कर रही हैं. ये सुविधाएँ पर्यावरणीय चिंताओं को भी ध्यान में रखती हैं, जो इसके लिए एक बढ़ावा है.
सर्विस और इंफ्रास्ट्रक्चर: सुधारित सर्विसिंग नेटवर्क और इंफ्रास्ट्रक्चर ने भी दोपहिया वाहनों की वृद्धि में योगदान दिया है. अधिक सेवा केंद्रों और बेहतर रखरखाव सेवाओं के कारण ग्राहकों का विश्वास बढ़ा है.
ट्रैक्टर उद्योग की 4% वृद्धि*
ट्रैक्टर उद्योग में 4% की वार्षिक वृद्धि की संभावना भी रिपोर्ट में उल्लेखित की गई है. इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं
कृषि में आधुनिककरण: भारतीय कृषि में आधुनिककरण की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों की बदलती जरूरतों और उन्नत तकनीक के चलते, ट्रैक्टरों की मांग में वृद्धि हो रही है. ट्रैक्टर आधुनिक कृषि उपकरणों के साथ समन्वयित होते हैं, जो फसल उत्पादन और कृषि कार्यों को अधिक प्रभावी बनाते हैं.
कृषि सब्सिडी और सरकारी योजनाएँ: भारतीय सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में सब्सिडी और विभिन्न योजनाओं का लाभ ट्रैक्टर खरीदने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करता है. इससे ट्रैक्टरों की बिक्री में भी इजाफा हो रहा है.
फसल विविधता और आयात: विभिन्न फसलों की पैदावार के लिए ट्रैक्टर की जरूरत बढ़ रही है. इसके साथ ही, विदेशी कंपनियों के ट्रैक्टरों के भारत में प्रवेश से भी बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, जो ट्रैक्टर की बिक्री को बढ़ावा दे रही है.
कृषि में निवेश: कृषि क्षेत्र में बढ़ते निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के कारण ट्रैक्टरों की मांग बढ़ रही है. विशेष रूप से, छोटे और मध्यम आकार के किसानों के लिए नई तकनीक और उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं.