असम में अभी तक 50 से भी ज्यादा लोगों की गई जान
असम में इस समय बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है. हालात इतने गंभीर हैं कि 58 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है और सैकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं. नदियों का पानी उफान पर है और चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। इस विनाशकारी बाढ़ ने लोगों के जीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है.
लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं. बाढ़ के कारण सड़कों और पुलों का टूट जाना आम हो गया है, जिससे आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है. कई गांवों का संपर्क बाकी इलाकों से कट गया है. सरकारी एजेंसियां और एनजीओ मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में भी कठिनाइयां आ रही हैं.
इंसानों समेत जानवर भी हो रहे है प्रभावित
इस बाढ़ से न सिर्फ इंसान, बल्कि जानवर भी बहुत प्रभावित हुए हैं. खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं और जानवरों के लिए चारे की कमी हो गई है. बेजुबान जानवर भी बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं और तड़पने को मजबूर हैं. कई पशु आश्रय स्थलों में ले जाए गए हैं, लेकिन उनकी संख्या इतनी अधिक है कि सभी को एक साथ संभालना मुश्किल हो रहा है.
राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर लगाए हैं जहां लोगों को खाने.पीने का सामान और चिकित्सा सुविधा दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लिया है और केंद्र सरकार से भी मदद की अपील की है. केंद्र सरकार ने राहत सामग्री और सहायता की घोषणा की है और एनडीआरएफ की टीमों को राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है.
इस विपदा में असम के लोग एकजुट होकर एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. लोग अपने घरों में फंसे लोगों को निकालने के लिए नावों और राफ्ट का उपयोग कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अभियान चल रहे हैं, जहां लोग दान और सहायता के माध्यम से समर्थन कर रहे हैं.