असम में विकसित होगी भूस्खलन चेतावनी प्रणाली: ASDMA और GSI ने किए MoU में हस्ताक्षर

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असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने हाल ही में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य भूस्खलन पूर्व चेतावनी प्रणाली विकसित करना है. यह प्रणाली भूस्खलन के खतरे को कम करने और लोगों की जान बचाने में मदद करेगी.

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GSI , भारत सरकार के बीच प्रौद्योगिकी क्षेत्रीय भूस्खलन पूर्व चेतावनी प्रणाली ने एक समझौता ज्ञापन में साइन किया इस समझौता ज्ञापन पर एसडीएम के मुख्य कार्य अधिकारी जितेंद्र त्रिपाठी और GSI के उपमहा निदेशक शिलादित्य सेन गुप्ता ने हस्ताक्षर किए.

इस समझौता ज्ञापन के तहत, GSI अपनी विशेषज्ञता और तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों की पहचान करेगा, जबकि ASDMA इस जानकारी का उपयोग करके स्थानीय प्रशासन और लोगों को पूर्व चेतावनी देगा.

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यह प्रणाली निम्नलिखित तरीकों से काम करेगी:
  1. भूस्खलन के खतरे वाले क्षेत्रों की पहचान करना.
  2. भूस्खलन के खतरे के स्तर का मूल्यांकन करना.
  3. स्थानीय प्रशासन और लोगों को पूर्व चेतावनी देना.
  4. भूस्खलन के दौरान और उसके बाद राहत और बचाव कार्यों में मदद करना.

भूस्खलन की वजह से घरों के साथ-साथ उनकी बुनियादी ढांचे का भी नुकसान होता है और इसका असम में सबसे ज्यादा प्रभाव दीमा हंसो कार्बी आंगलोंग करीमगंज कछार जैसे इलाकों पर होता है.

इस समझौता ज्ञापन से असम राज्य में भूस्खलन के खतरे को कम करने और लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी. यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो आपदा प्रबंधन में सुधार करने में मदद करेगा.

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ASDMA (असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) भूस्खलन का पता लगाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करता है:

  1. दूरस्थ संवेदन प्रौद्योगिकी: एएसडीएमए उपग्रह इमेजरी और विमान चित्रों का उपयोग करके भूमि सतह परिवर्तनों की निगरानी करता है, जिसमें भूस्खलन भी शामिल है.
  2. जीआईएस मैपिंग: एएसडीएमए अस्थिर क्षेत्रों के विस्तृत जीआईएस मानचित्र बनाता है, जिसमें टेरेन, भूविज्ञान और भूमि उपयोग पैटर्न शामिल हैं.
  3. सेंसर नेटवर्क: एएसडीएमए अस्थिर क्षेत्रों में सेंसर लगाता है जो मिट्टी की नमी, वर्षा और जमीन की गति को मापते हैं.
  4. वर्षा निगरानी: एएसडीएमए वर्षा पैटर्न और तीव्रता को ट्रैक करता है ताकि संभावित भूस्खलन क्षेत्रों का पता लगाया जा सके.
  5. फील्ड सर्वेक्षण: एएसडीएमए नियमित रूप से फील्ड सर्वेक्षण करता है ताकि भूस्खलन गतिविधि के संकेतों की पहचान की जा सके, जैसे कि दरारें, अवसादन या जल प्रवाह में परिवर्तन.
  6. समुदाय रिपोर्टिंग: एएसडीएमए स्थानीय समुदायों को भूस्खलन से संबंधित किसी भी अवलोकन या घटना की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
  7. मशीन लर्निंग अल्गोरिदम: एएसडीएमए विभिन्न स्रोतों से डेटा का विश्लेषण करने और भूस्खलन की संभावना की भविष्यवाणी करने के लिए मशीन लर्निंग अल्गोरिदम का उपयोग करता है.
  8. प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली: एएसडीएमए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करता है जो अधिकारियों, आपातकालीन प्रतिक्रियाकर्ताओं और स्थानीय समुदायों को संभावित भूस्खलन के बारे में अलर्ट करता है.

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