Anti Rape Bill
बंगाल विधानसभा में Anti Rape Bill सर्वसम्मति से पास हो गया है. Anti Rape Bill को कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या की घटना के बाद विधानसभा में पेश किया गया था. इसके लिए विधानसभा का स्पेशल सत्र बुलाया गया था और सत्र के पहले दिन यानी आज एंटी रेप बिल सदन में पेश किया गया . सरकार ने इस बिल को “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” नाम दिया।
पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने मंगलावार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर एंटी रेप बिल पेश किया. सीएम ममता बनर्जी ने इस बिल को ऐतिहासिक बताया ,वही दूसरी तरफ बिल पर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी अपन समर्थन दे दिया है और कहा है कि बिल जल्द से जल्द लागू हो.
ममता सरकार ने एंटी रेप बिल को पारित करने के लिए 2 सितंबर से दो दिन का विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। इस बिल को “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024 “नाम दिया गया है।
विधानसभा में बहस के दौरान क्या कहा ममता ने
विधानसभा में बिल पर बहस के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने साल 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस में 20 साल की एक दलित महिला के साथ रेप और 2013 में बंगाल के उत्तरी परगना जिले में एक कॉलेज छात्रा की रेप और हत्या का और पिछले हफ्ते जयपुर में एक सरकारी अस्पताल में एक बच्चे के रेप का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “यूपी और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर असामान्य रूप से ज्यादा है. वहां न्याय नहीं है, लेकिन बंगाल की महिलाओं को अदालतों में न्याय मिले।
नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा
एंटी रेप बिल पेश होने के बाद नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी इस बिल का पूरी तरह से समर्थन किया और कहा, हम चाहते हैं कि यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो. इसे लागू करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, हमें परिणाम चाहिए। उन्होंने कहा यह सरकार की जिम्मेदारी है हम आपका पूरा समर्थन करते हैं, हम मुख्यमंत्री के बयान को आराम से सुनेंगे, वह जो चाहें कह सकती हैं लेकिन आपको गारंटी देनी होगी कि यह बिल तुरंत लागू किया जाएगा।
जानिए क्या है एंटी रेप बिल
पश्चिम बंगाल में एंटी रेप सर्वसम्मति से पास हो गया है इस बिल को अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024 नाम दिया गया है, आइये जानते हैं क्या है Anti Rape Bill-
-Anti Rape Bill में रेप और हत्या करने वाले आपराधी के लिए फांसी की सजा का प्रावधान होगा
-चार्जशीट दायर करने के 36 दिनों के भीतर सजा-ए-मौत का प्रावधान होगा
-21 दिन में जांच पूरी करनी होगी.
-अपराधी की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान.
-हर जिले में स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान.
-रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में टास्क फोर्स लेगी एक्शन.
-रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर, इसके लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान.
-पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ 3-5 साल की सजा का प्रावधान
-सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान