अमित शाह का हमला: गांधी, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों पर आतंक फैलाने का आरोप

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जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांधी, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों पर निशाना साधा. पुंछ जिले में एक चुनावी रैली के दौरान उन्होंने इन परिवारों पर राज्य में आतंकवाद और अस्थिरता फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तान को भारत से डर है और अब सीमाओं पर शांति है, जबकि पहले की सरकारें पाकिस्तान से डरती थीं.

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मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तान से शांति

अमित शाह ने अपनी जनसभा में कहा कि आज सीमा पर शांति का माहौल है, और इसका श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान अब गोलीबारी करने की हिम्मत नहीं कर सकता, क्योंकि वह मोदी से डरता है. उन्होंने कहा, “पहले की सरकारें पाकिस्तान से डरती थीं, लेकिन आज पाकिस्तान मोदी से डरता है.” शाह का यह बयान इस बात को दर्शाता है कि केंद्र सरकार आतंकवाद और सीमा पर शांति कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है.

आतंकवाद के खिलाफ केंद्र की सख्त नीति

अमित शाह ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर में बंदूकों और पत्थरों की जगह युवाओं के हाथों में लैपटॉप और किताबें देना चाहती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार आतंकवाद का सफाया करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. शाह ने कहा, “हमारे प्रयास हैं कि यहां की पहाड़ियों में बंदूकों की गूंज नहीं हो, बल्कि यहां के युवा शिक्षा और तकनीक के माध्यम से अपने भविष्य का निर्माण करें.”

गांधी, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार पर आरोप

अमित शाह ने अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर की राजनीति में वर्षों से सक्रिय गांधी, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवारों पर तीखा हमला किया. उन्होंने आरोप लगाया कि इन परिवारों ने दशकों तक राज्य में आतंकवाद और अस्थिरता को बढ़ावा दिया. शाह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने में इनका सबसे बड़ा हाथ है. इन परिवारों ने अपने स्वार्थ के लिए राज्य को आतंकवाद और हिंसा की आग में झोंक दिया.”

शाह के इस बयान से यह साफ हो गया कि भाजपा राज्य की पुरानी राजनीतिक पार्टियों को राज्य में बिगड़े हालात के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है.

युवाओं के लिए नया अवसर

अमित शाह ने युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें बेहतर भविष्य की राह दिखाने की बात की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि जम्मू-कश्मीर के युवा आतंकवाद की राह छोड़कर शिक्षा और तकनीक की ओर बढ़ें। सरकार चाहती है कि युवाओं के हाथों में बंदूकों और पत्थरों की जगह लैपटॉप और किताबें हों.

पाकिस्तान पर तीखा हमला

अमित शाह ने पाकिस्तान पर भी तीखे शब्दों में हमला बोला. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा से जम्मू-कश्मीर में अशांति और आतंकवाद फैलाने की कोशिश की है, लेकिन अब स्थिति बदल गई है. उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तान को भारत से डर है और वह अब गोलीबारी करने की हिम्मत नहीं कर सकता.

चुनावी दौर और आगे की रणनीति

अमित शाह की यह रैली जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के सीमावर्ती इलाके में भाजपा उम्मीदवार मुर्तजा खान के समर्थन में थी. उन्होंने अपने भाषण में युवाओं और स्थानीय लोगों से भाजपा को समर्थन देने की अपील की.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को हो चुका है. दूसरा चरण 25 सितंबर को होगा और अंतिम चरण 1 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा. चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

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निष्कर्ष

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की जनसभा में आतंकवाद, पाकिस्तान और स्थानीय राजनीतिक परिवारों पर एक साथ हमला बोलते हुए भाजपा की नीतियों और मोदी सरकार के प्रयासों को जोर-शोर से प्रस्तुत किया. उन्होंने जोर दिया कि केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में आतंकवाद का खात्मा और युवाओं को बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित करना है.

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