आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक माने जाने वाले जेफ्री हिंटन ने गूगल से इस्तीफा दे दिया है। ‘गॉडफादर ऑफ एआई’ कहे जाने वाले हिंटन ने सोमवार को गूगल छोड़ने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि जिस तकनीक को विकसित करने में मदद की, उसके ‘खतरों’ को लेकर आगाह करते हुए उन्होंने पिछले सप्ताह गूगल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
भविष्य में इंसानों की समझदारी भी एआई के आगे हो जाएगी फेल
गूगल से इस्तीफा देने के बाद Geoffrey Hinton एआई टेक्नोलॉजी को लेकर तरह-तरह की बातें कह रहे हैं। उन्होंने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि एआई टेक्नोलॉजी वर्तमान में इंसानों से ज्यादा बेहतर और समझदार तो नहीं है, लेकिन भविष्य में यह टेक्नोलॉजी इंसानों की समझदारी को अपने आगे फेल कर सकती है।
कंप्यूटिंग का नोबेल पुरस्कार पा चुके हैं जेफ्री हिंटन
जेफ्री हिंटन अपने उत्तम कार्य के लिए कंप्यूटिंग का नोबेल पुरस्कार पा चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि मैं खुद को दिलासा देता हूं कि अगर मैंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर काम नहीं किया होता, तो कोई और करता। सबसे जरूरी बात यह है कि इस तकनीक को हम गलत इस्तेमाल या बुरे लोगों के हाथों में जाने से कैसे रोक सकते हैं।
साल 2012 में मिली थी एआई को लेकर बड़ी सफलता
एआई को लेकर Geoffrey Hinton को उनकी पहली सफलता साल 2012 में मिली थी। उस दौरान Hinton ने दो ग्रैजुएट स्टूडेंट्स के साथ मिलकर एआई आधारित ऐसे एल्गोरिथम को विकसित किया था जो इमेज के विश्लेषण करने और कॉमन एलिमेंट को पहचानने में सक्षम था।
AI से तबाही भी मच सकती है।
डॉ हिंटन को चिंता है कि यदि AI बुरे लोगों के हाथ पड़ गई तो यह तबाही मचा सकती है. ऐसे लोग इसका इस्तेमाल बुरे कामों के लिए करेंगे. यह बहुत बुरा होगा. सोचिन किसी दिन एक बुरा आदमी AI रोबोट को अपने गोल खुद तय करने की पावर दे देगा. इससे ये रोबोट खुद को और ज्यादा पावरफुल बनाने का सब-गोल सेट कर लें. उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से हम जैसी इंटेलिजेंस डेवलप कर रहे हैं, ये उससे अलग है. उन्होंने कहा, हम बायोलॉजिकल सिस्टम हैं और ये डिजिटल सिस्टम।