Adhaar Scam: आजकल ऑनलाइन धोखाधड़ी के कई मामले सामने आ रहे हैं। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी और इंटरनेट का प्रयोग बढ़ता जा रहा है, साइबर अपराधी भी नए तरीके ढूंढ़ रहे हैं अपनी ठगी की कल्पना में। भारत में आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है, जो इसके धारावाहिक सत्ता को प्रमाणित करता है। इसके साथ ही, मोबाइल फ़ोन भी अब हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है और इसे चलाने के लिए सिम कार्ड ज़रूरी होता है। नए सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए आधार की KYC प्रक्रिया आवश्यक होती है। इस तथ्य का अद्भुत उपयोग करके, धोखाधड़ी आम लोगों के आधार कार्ड के बारे में जानकारी चोरी कर सिम कार्ड जालसाज़ी कर बनवा देते हैं।
आधार कार्ड और सिम कार्ड का यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा है, जो इन दिनों काफी चल रहा है. हैकर्स आपके आधार की डिटेल्स लेकर नया सिम कार्ड निकलवा सकते हैं. फर्जी तरीके से हासिल किए सिम का इस्तेमाल क्राइम और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसी चीजों में होता है. इसलिए अपने आधार को बिना किसी एहतियात के किसी को सौंपना खतरे से खाली नहीं है
आप कैसे बच सकतें हैं हैकर्स के जाल से
आधार की डिटेल्स चुराकर कोई भी आपने नाम से सिम खरीद सकता है, लेकिन ऐसा होने पर आपके लिए बड़ी परेशानी उत्पन्न हो सकती है। इस प्रकार के फ्रॉड से बचने के लिए, आधार बनाने वाली सरकारी एजेंसी यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने ‘मास्क आधार’ नामक एक शानदार सेवा पेश की है। यह सेवा आपको आधार को सुरक्षित रखने का एक उत्तम तरीका प्रदान करती है, जो आपके व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा करने में मदद करता है।
क्या होता है मास्क आधार?
मास्क आधार विशिष्टता से सामान्य आधार कार्ड से अलग होता है। जब आप आधार डाउनलोड करते हैं, तो आपके पास रेगुलर और मास्क आधार विकल्प होता है। मास्क आधार को चुनने पर आपके आधार नंबर के पूरे 12 अंक नहीं दिखाई देते, बल्कि पहले 8 अंक छिपे रहते हैं और आधार के आखिरी 4 अंक ही दिखते हैं। विकल्प के तहत, आप जन्मतिथि को भी मास्क आधार में छिपा सकते हैं, यदि आपको ऐसा चुनने का इच्छा हो। इसका मतलब है कि मास्क आधार प्राइवेसी को सुरक्षित रखते हुए आपको उसके अंशों की सामान्य डिस्क्लोजर होती है।
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस से पकड़े गए हैकर्स
हाल ही में कुछ अनोखे मामलों की बात आई है, जहाँ दुर्भाग्यवश चालाक फ्रौडियां ने आधार की खोज में एक नया रास्ता ढूंढ लिया है। उन्होंने जाली दस्तावेजों की मदद से नकली सिम कार्ड प्राप्त किए हैं, जिनके जरिए वे नए सिम कार्ड प्राप्त कर रहे हैं। पुलिस ने इस तरह के अपराधियों को पकड़ने के लिए कई उपाय किए हैं। टेलीकॉम विभाग ने ASTR-AI और चेहरा पहचान तकनीक का उपयोग करके हजारों नकली सिम कार्डों की पहचान की है, जिन्हें आधार की जांच के बाद खोजा गया है। कई टेलीकॉम कंपनियों के अधिकारियों ने अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ग्राहकों के आधार उपयोग करके अनेक सिम कार्ड प्राप्त किए हैं।
इसलिए, अगर आपकी रुचि है कि आपके आधार नंबर का दुरुपयोग न हो, तो आप मास्क आधार की सहायता ले सकते हैं। यह एक प्रमाणित तरीका है ऑफलाइन प्रमाणीकरण के लिए। आपके आधार नंबर से जुड़े सिम कार्डों की संख्या की जांच के लिए आप https://tafcop.sancharsaathi.gov.in/telecomUser/ पर जा सकते हैं। आपके आधार पर अधिकतम 9 मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हो सकते हैं, इसे ध्यान में रखें।