बुद्ध पूर्णिमा का महा पर्व।लक्ष्मी मां की करे विशेष पूजा

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भारत में धार्मिक पर्वो को बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाया जाता हैं भगवान की पूजा अर्चना की जाती हैं।
आज बुद्ध पूर्णिमा का ये त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा हैं।
आज यानी 5 मई 2023 को वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि है। सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। वैशाख पूर्णिमा की तिथि पर बुद्ध जयंती के साथ इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा। ज्योतिषीय गणना के आधार पर 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो 6 मई की आधी रात 1 बजकर 1 मिनट तक चलेगा। इसके अलावा इस संयोग के साथ कई तरह के ग्रहों और नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा। बुद्ध पूर्णिमा पर बनने वाले महासंयोग से कुछ राशियों के जातकों की लॉटरी लगेगी, तो बाकी राशियों के जातकों को कर्म के आधार पर फल मिलने की धार्मिक मान्यता बताई जा रही है।

इन राशियों पर विशेष लाभ।

ज्योतिष के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा तुला राशि में होगी। पूर्णिमा पर तुला राशि के जातकों को काफी लाभ होगा। वहीं सिंह, मेष, कुंभ और मकर राशि के जातकों की भी मौज रहेगी, जबकि अन्य राशियों के जातकों को कर्म के आधार पर फल प्राप्त होगा । पूर्णिमा पर सभी राशि के लोग अगर अध्यात्म ज्ञान से जुड़ेंगे, तो उन पर भगवान की असीम कृपा ‘बनी रहेगी। इस दिन बनने वाले महासंयोग से सनातन धर्म का उत्थान होगा।

स्वाति नक्षत्र पर बुद्ध पूर्णिमा।

बुद्ध पूर्णिमा पर सिद्धि योग में किए गए पुण्य कार्य का फल अगले जन्म में भी व्यक्ति को मिलता है। इस दिन संयोग से बुद्ध पूर्णिमा पर स्वाति नक्षत्र भी है। स्वाति नक्षत्र सभी नक्षत्रों में विशेष माना जाता है। इस नक्षत्र में किए गए कार्यो का विशेष फल व्यक्ति को मिलता है। इस नक्षत्र में आकाश से समुद्र में गिरने वाली बूंदों का ही मोती बनता है। साथ ही इस दिन शुक्रवार होने से इस इसका कई गुना फल प्राप्त होगा, क्योंकि 5 मई के दिन महालक्ष्मी के निमित्त पूजा पाठ करने, दीपक जलाने या महालक्ष्मी अनुष्ठान करने से महालक्ष्मी की सदैव बनी रहेगी। कृपा

लक्ष्मी की करें विशेष पूजा।

शुक्रवार महालक्ष्मी का दिन होता है, इसीलिए इस दिन महालक्ष्मी के निमित्त कार्य करने से उन पर महालक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इस दिन बुद्ध पूर्णिमा और पूर्णिमा का कोई भी कार्य करेंगे, तो उसका फल जरूर मिलेगा। मंगल और शुक्र के योग से भूमि से जुड़े, वाहन से जुड़े, विदेश यात्रा, विवाह से जुड़े जो भी कार्य रुके हुए हैं, वे सभी पूरे होंगे। बुद्ध पूर्णिमा पर पूजा पाठ, स्नान, ध्यान, जप, तप, दान आदि करने का विशेष लाभ होगा।

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