मध्यप्रदेश के मुरैना के झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्यवाही बुधवार 3 मई से शुरु होने जा रही है। CMHO के नेतृत्व में टीमें गठित की गईं है जो झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ उनकी क्लीनीक सीलबंद की कार्रवाई करेंगी।
क्यों नाम दिया झोलाछाप।
यह डॉक्टर बिना डिग्री वाले हैं ना ही किसी प्रकार की कोई एक्सपीरियंस है। ये डॉक्टर सिर्फ अपने छोटे से एरिया में क्लीनिक खोल लेते हैं और गांवों और कस्बों के लोगों को छोटी मोटी दवाइयों से ठीक करते रहते हैं लोग भी इनका इलाज लेने में काफी अच्छा महसूस करते क्योंकि सस्ता इलाज करते हैं लेकिन ये डॉक्टर कई मरीजों की जान भी ले चुके हैं। संडे को उठाया गया लेकिन डॉ स्नेह अपनी हरकतें बंद नहीं की
यह जानकारी देते हुए जिले के CMHO डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। यह टीमें अलग-अलग कस्बों में जाकर इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ उनकी क्लीनिक बंद कराएंगे साथ ही उनके खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराएंगे।
क्लीनिक बंद कराने पर आता राजनैतिक दवाब।
जब CMHO से पूछा कि अभी तक इन डॉक्टरों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई जिस पर उन्होंने दबी जुबान से बताया कि कार्रवाई की गई लेकिन कार्रवाई के तुरंत बाद राजनैतिक दवाब आ जाता है जिसके कारण कार्रवाई रोकना पड़ती है।
कितने लोगो को मार चुके झोलाछाप।
बता दें, कि पिछले एक साल के अन्दर अकेले कैलारस कस्बे में मौजूद झोलाछाप डाक्टर दो मरीजों को मार चुके हैं, जिनके खिलाफ कैलारस व मुरैना कोतवाली में मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसके साथ ही एक डॉक्टर ने एक नाबालिग के गलत इंजेक्शन लगा दिया था जिसकी वजह से वह पिछले एक वर्ष से विकलांग बना अपने पिता के कंधों पर घूमने को मजबूर है। उसका पिता कई बार कलेक्टर की जनसुनवाई में अपने बेटे को ला चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। वहीं CMHO का कहना है कि उनके द्वारा उस झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक सील की जा चुकी है।
कुकुरमुत्ते की तरह उगे क्लीनिक।
बता दें, कि मुरैना जिले के अंबाह,पोरसा, जौरा, कैलारस व सबलगढ़ में कुकुरमुत्ते की तरह झोलाछाप डाक्टरों की दुकानें खुली हैं तथा यह झोलछाप गांवों तक फैले हैं। यह झोलाछाप डाक्टर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है।