एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है. पवार ने कहा कि वे एनसीपी का अध्यक्ष पद छोड़ देंगे. शरद पवार 1999 में एनसीपी के गठन के वक्त से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. पिछले साल उन्हें चार साल के लिए अध्यक्ष भी चुना गया था.
राकांपा के अध्यक्ष पद के लिए अजित पवार भी प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखे जाते हैं। वहीं, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को पवार का उत्तराधिकारी माना जाता है। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष की जंग आने वाले समय में दिलचस्प हो सकती है।
पवार ने कहा कि अब मैं चाहता हूं कि एनसीपी की जिम्मेदारी कोई और संभाले। मैंने कई साल तक पार्टी की जिम्मेदारी संभाली है और अब पार्टी का नेतृत्व नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में सक्रिय रहेंगे, लेकिन पार्टी अध्यक्ष पद से रिटायर होना चाहते हैं।
पहले ही संगठन में बदलाव का इशारा कर चुके हैं पवार
इससे पहले पिछले हफ्ते पवार ने मुंबई में आयोजित युवा मंथन कार्यक्रम में रोटी पलटने की बात कह डाली। पवार बोले, ‘किसी ने मुझे कहा कि रोटी सही समय पर पलटनी होती है और अगर सही समय पर नहीं पलटी तो वो कड़वी हो जाती है। अब सही समय आ गया है रोटी पलटने का, उसमें देरी नहीं होनी चाहिए। इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आग्रह करूंगा की वो इस पर काम करें।’
पवार का ये बयान ऐसे समय आया था, जब उनके भतीजे और एनसीपी नेता अजित पवार के नए राजनीतिक कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं हैं। दावा किया जा रहा है कि वह भाजपा के साथ हाथ मिला सकते हैं। हालांकि, अजित पवार इन अटकलों को खारिज भी कर चुके हैं।
तो भतीजे या बेटी को पार्टी की कमान सौंप सकते हैं पवार
शरद पवार ने युवा मंथन कार्यक्रम में अपनी बात रखी है। ऐसे में हो सकता है कि अब पवार पार्टी की जिम्मेदारी किसी युवा हाथों में देना चाहते हों। इसमें दो बड़े नाम हैं। पहला उनकी बेटी सुप्रिया सुले और दूसरा उनके भतीजे अजित पवार हैं। अजित पवार को लेकर हाल के दिनों में कई अटकलें लग चुकी हैं। संभव है कि पवार इन्हीं दोनों में से किसी एक को पार्टी की कमान सौंप दें। इसके जरिए वह युवाओं के बीच संदेश देना चाहते हों कि एनसीपी में युवाओं के लिए अवसर है और एनसीपी युवाओं को आगे बढ़ाती है