आज 29 अप्रैल को इंटरनेशनल डांस डे सेलिब्रेट किया जा रहा है. इस दिन को सेलिब्रेट करने का मकसद इस कला को बढ़ावा देना और इसके महत्व के बारे में समझाना है। डांस केवल कला नहीं बल्कि यह डांस करने वाले व्यक्ति के सेहत पर भी अपना प्रभाव डालता है. डांस करना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है. यह एक प्रभावी फिटनेस व्यायाम है जिसे करने से मनोरंजन भी हो जाता है और शरीर को फुर्तीला और स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है।
दिल के लिए है लाभकारी।
एक्सपर्ट्स की माने तो हर दिन 30 मिनट डांस करने से उस व्यक्ति के 130 से 250 कैलोरी बर्न हो सकती हैं. दिल की सेहत के लिए डांस बहुत फायदेमंद होता है. बैलेंस और कोऑर्डिनेशन बनाने में भी हेल्प होती है. अगर आप फुल बॉडी वर्कआउट करना चाहते हैं तो आप डांस के ऑप्शन को चुन सकते हैं. डांस करना आपको फिजिकली और मेंटली स्वस्थ रखता है।
नींद से जुड़ी परेशानी में मददगार
क्या आप अनिद्रा की परेशानी से दो चार हो रहे हैं, क्या आप चैन की नींद लेना चाहते हैं लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है तो आपके लिए ही डांस का ऑप्शन है. डांस करने से शरीर में थकान पैदा होती है जिससे अच्छी नींद आती है. डांस आपकी इस समस्या को भी चुटकी में दूर कर सकता है।
डिप्रेशन करे दूर।
अकेलापन और डिप्रेशन जैसी समस्या से जूझ रहे लोगों के बारे में हर रोज सुनने को मिल जाता है. ऐसे लोग जो इस तरह की परेशानियों से गुजर रहे हैं वो डांस को एक दवा की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
नृत्य कला हजारों साल है पुरानी।
2023 में अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की थीम ‘नृत्य-दुनिया के साथ संवाद करने का एक तरीका’ है. भारत नृत्य की तमाम विधाएं हैं. जैसे कथकली, मोहिनीअट्टम, ओडिसी, कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी आदि. मान्यता है कि आज से 2000 वर्ष पूर्व त्रेतायुग में देवताओं के अनुरोध पर भगवान ब्रह्मा ने नृत्य वेद तैयार किया, तभी से दुनिया भर में नृत्य की उत्पत्ति हुई।