दांतों में खराबी के लिए फंगस या बैक्टीरिया ही केवल जिम्मेदार नहीं होते हैं। हालांकि, इनका प्रभाव तभी होता है जब हमारे शरीर में कुछ जरूरी विटामिन की कमी हो जाती है। शासकीय डेंटल कालेज के प्राचार्य डा विरेन्द्र वाढेर का कहना है कि विटामिन की कमी से दांतों में सड़न, दर्द, सूजन, पीलापन जैसी परेशानियां सामने आती है। दांतों में बीमारी की शुरुआत सड़न या कैविटी से होती है। विटामिन ए की कमी से दांतों का इपीथेलिएल सेल्स मरने लगते हैं। इपीथेलियल सेल्स दातों से कैल्शियम, फास्फेट, मैग्नीशियम और कार्बोनेट को इनामले से निकलने नहीं देता है।
स्वस्थ दांतों के लिए इन बातों का रखें ध्यान।
स्वस्थ दांतों के लिए यह जरूरी है। विटामिन डी कैल्शियम और फास्फेट को शरीर में बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। विटामिन डी से ही कैल्शियम और फास्फेट अपना काम सही से कर पाता है। विटामिन सी यानी एस्कार्बिक एसिड की कमी के कारण दांतों के क्षतिग्रस्त होने की आशंका ज्यादा रहती है।
बहुत सारी कोशिकाएं जो दांतों को बनाती है, वह एस्कार्बिक एसिड की मदद से ही सक्षम हो पाता है। मैग्नीशियम, सेलेनियम और जिंक की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इन खनिज पदार्थों में एंटी वायरल गुण होता है, जिसके कारण दांतों की रक्षा हो पाती है।
दातों की मजबूती के लिए डाइट में शामिल करें ये।
डाक्टर वाढेर का कहना है कि दातों की मजबूती के लिए डाइट में हरी सब्जी, फ्रूट और गुड क्लालिटी वाले प्रोटीन का सेवन करें। विटामिन ए के लिए गाजर, शकरकंद, पालक, फूलगोभी, विटामिन सी के लिए आरेंज, स्ट्राबेरी, कीवी, शिमला मिर्च आदि का सेवन करें