चुनाव का दौर लगातार जारी है ।और इस चुनाव के दौर में नेता अपने बड़बोले बयान से बाज नहीं आ रहे हैं। कहीं किसी राज्य की समाज को लेकर वह इस तरीके के बयान देते हैं कि मानहानि का केस तक दर्ज हो जाता है। तो हाल ही में हमने राहुल गांधी का सबसे बड़ा उदाहरण दिखा जिनको अपनी संसदीय तक गंवानी पड़ी। गुजरात में तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
विपक्ष की एकता के सपने देख रहे तेजस्वी और नीतीश कुमार के लिए ऐसे वक्त में केस दर्ज होना मुसीबत खड़ी कर सकता है।
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। बता दें कि गुजरात में तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया गया है। बुधवार को अहमदाबाद कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने तेजस्वी यादव के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लेने की मांग की है। मिली जानकारी के मुताबिक अगली सुनवाई एक मई को होगी। बता दें कि मार्च में तेजस्वी यादव के ‘गुजराती समाज’ पर दिए गए बयान को लेकर मानहानि का केस दर्ज कराया गया है।
मोदी सरनेम मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा के बाद देश में क्रिमिनल डिफेमेशन के मामलों की बाढ़ आ गई है। गुजरात की सूरत कोर्ट के फैसले के बाद सांसदी गंवा बैठे राहुल गांधी को अभी तक राहत नहीं मिल पाई है। राहुल गांधी अब सजा पर रोक के लिए गुजरात हाईकोर्ट पहुंचे है तो वहीं दूसरी राज्य में मानहानि के दो और मुकदमें हुए हैं। इनमें पहला मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके पार्टी के सहयोगी राज्य सभा के सांसद संजय सिंह के खिलाफ है तो दूसरा मामला बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ दर्ज हुआ है। बड़ा सवाल यही है किया राहुल गांधी के मामले की तरह मानहानि के दो अन्य मामले भी परेशानी का सबब बनेंगे? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस गुजरात यूनिवर्सिटी ने किया है तो तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि का केस एक व्यापारी हरेश मेहता ने दर्ज कराया है।
गुजराती समाज पर की थी टिप्पणी।
तेजस्वी यादव ने कहा कि था कि एलआईसी का पैसा, बैंक का पैसा लेकर अगर फिर भाग जाएगा तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने ‘गुजराती समाज’ को ही ठग बता दिया। उन्होंने कहा था कि दो ठग हैं न। आज देश के हालात देखे जाएं तो सिर्फ गुजराती ही ठग हो सकते हैं। तेजस्वी यादव इस दौरान पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर अपरोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि था कि इनके कितने यार-दोस्त हैं, जो भ्रष्टाचारी हैं।
तेजस्वी यादव का यह बयान काफी ज्यादा वायरल हुआ था। बिहार में इस मुद्दे में सियासत भी हुई थी। जमीन के बदले नौकरी देने के घोटाले के आरोप में सीबीआई और ईडी के शिकंजे के बाद अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव मानहानि केस में फंसते दिख रहे। अचानक इस तरीके से याचिका दाखिल होना बिहार के उपमुख्यमंत्री की मुश्किलें बढ़ा सकता है। वो इसलिए क्योंकि मानहानि केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी। साथ ही साथ लोकसभा से उनकी सदस्यता भी खत्म कर दी गई थी।