प्रदेश के 16 नगरीय निगम, औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर और मंडीदीप में दीनदयाल अंत्योदय योजना के अंतर्गत 45 नए रसोई केंद्र खोले जाएंगे। इनमें 25 चलित होंगे। यह निर्णय मंगलवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। योजना में जरुरतमंदों को दस रुपये में भोजन उपलब्ध कराने का प्रविधान है। वर्तमान में सौ रसोई केंद्र संचालित हैं।
गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि बैठक में दीनदयाल अंत्योदय योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया गया।योजना में अभी तक एक करोड़ 62 लाख थाली भोजन का वितरण किया जा चुका है। बैठक में अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, सिंगरौली, नरसिंहपुर, दमोह, रायसेन, बालाघाट, मुरैना और भिंड में एक जिला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत कोदो-कुटकी, चावल, दाल और सरसों के लिए किसानों को प्रशिक्षित करने, उत्पाद की ब्रांडिंग, मार्केटिंग के साथ उत्पादकता बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा।
इसके लिए प्रशिक्षण एवं मूल्य संवर्धन योजना को मंजूरी दी गई। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में आउटसोर्स पर कार्यरत लाइनमेनों को वेतन-भत्ते के अतिरिक्त एक हजार रुपये प्रतिमाह जोखिम भत्ता दिया जाएगा। आइटीआइ उत्तीर्ण श्रमिकों को यह भत्ता दिया जाएगा।
फसल क्षति पर अब साढ़े 32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मिलेगी सहायता
बैठक में राजस्व पुस्तक परिपत्र में वर्तमान में प्राकृतिक आपदा से फसल को क्षति पहुंचाने पर अब साढ़े 32 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के दर से राहत राशि दी जाएगी। 50 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर सौ प्रतिशत मानकर राहत राशि प्रदान की जाएगी।
दो हेक्टेयर तक कृषि भूमि धारित करने वाले किसानो को वर्षा आधारित फसल की 25 से 33 प्रतिशत तक क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर साढ़े पांच हजार, 33 से 50 प्रतिशत हानि होने पर साढ़े आठ हजार और 50 प्रतिशत से अधिक हानि होने पर प्रति हेक्टेयर 17 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से राहत राशि दी जाएगी।
सिंचित फसल के लिए 25 से 33 प्रतिशत तक क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर साढ़े नौ हजार, 33 से 50 प्रतिशत हानि होने पर 16 हजार और 50 प्रतिशत से अधिक हानि होने पर प्रति हेक्टेयर 32 हजार पांच सौ रुपये राहत राशि दी जाएगी। सब्जी, मसाले और ईसबगोल की खेती में 25 से 33 प्रतिशत तक क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 19 हजार, 33 से 50 प्रतिशत हानि होने पर 27 हजार और 50 प्रतिशत से अधिक हानि होने पर प्रति हेक्टेयर 32 हजार रुपये की राहत राशि दी जाएगी।
कैबिनेट में मोटी अनाज से बने व्यंजन परोसे
कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को स्वल्पाहार के तौर पर मोटे अनाज से बने बिस्कुट, सैंडविच, कटलेट, बाजरा खिचड़ा, पापड़ और खीर दिए गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्री अन्न को प्रोत्साहित कर रहे हैं। प्रदेश में इसे प्रोत्साहित करने के लिए आज यह शुरूआत की गई। सरकार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।