सूडान में चल रहे युद्ध के बीच भोपाल का युवक फंस गया है. उसकी बहन ने प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद की अपील की है. महिला का कहना है कि अगर भारतीय की समय पर मदद नहीं की तो हालात और गंभीर हो सकते हैं.
जयंत के परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मदद की गुहार लगाई है. युवक की बहन ने आशंका जताई है कि अगर सूडान से भारतीयों को जल्द नहीं निकाला गया तो हालात और बद्तर हो सकते हैं. भारत सरकार सूडान में हिंसा की स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है. भारत भारतीयों की सुरक्षा को लेकर विभिन्न देशों के संपर्क में है.
सूडान में जमकर हिंसा फैल गई है, वहां सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच करीब एक सप्ताह से जंग चल रही है, जिसके कारण सैंकड़ों लोगों की मौत भी हो गई है, ऐसे में वहां फंसे भारत के लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं, सूडान में चल रही हिंसा के बीच मध्यप्रदेश के भी कई परिवार फंसे हैं, जिसमें राजधानी भोपाल का भी एक परिवार है, जिसने पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
नरेंद्र मोदी से मदद की लगाई गुहार
जानकारी के अनुसार सूडान में चल रही हिंसा के कारण भोपाल के बैरागढ़ निवासी नरेंद्र केवलानी का परिवार फंसा हुआ है, जो कारोबार के सिलसिले में सूडान गया था, जो २० अप्रैल को भारत लौटने वाला था, लेकिन वहां शुरू हुई हिंसा के कारण वह भारत नहीं लौट पा रहा है, ऐसे में उन्होंने अपनी आपबीती बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
रूक-रूककर गोलीबारी हो रही है।
सूडान में फंसे व्यक्ति ने बताया कि जिस फ्लैट में वे फंसे हुए हैं, उसी के सामने सेना का मुख्यालय है, वहां पर जमकर गोलीबारी हो रही है, हालात यह है कि कई कारतूस फ्लैट के बाहर भी आकर गिरे हैं, ऐसे में वे दहशत में हैं, उन्हें फ्लैट से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है, उन्होंने बताया कि यहां सेना और पैरामिलिट्री रेपिड सपोर्ट फोर्स के बीच वर्चस्व का संघर्ष चल रहा है, जिसके कारण हो रहे हमले के कारण यहां कोई भी अपने घर से बाहर नहीं निकल पा रहा है। बैरागढ़ निवासी नरेंद्र केवलानी ने बताया कि उनका पुत्र जयंत वहां फंसा हुआ है, इस मामले में जयंत के पिता नरेंद्र ने गुरुवार को कांग्रेस नेता नरेश ज्ञानचंदानी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की, इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी विदेश मंत्रालय से सहयोग का आग्रह किया था। बताया जा रहा है कि जयंत सूडान की राजधानी खार्तूम में सेना मुख्यालय के पास ही फ्लैट में फंसा है। जहां रूक-रूककर गोलीबारी हो रही है।
जयंत तीन दिनों से भूखे प्यासे हैं.
जयंत के पिता नरेंद्र केवलानी ने बताया कि जयंत 4 मार्च को बिजनेस के सिलसिले में सूडान गए थे. वह वहां डेढ़ महीने से हैं. 20 अप्रैल को उनकी वापसी होनी थी. लेकिन, वापसी से 2 दिन पहले ही सूडान में युद्ध के हालात बन गए. वहां लगातार गोलीबारी हो रही है. उन्होंने कहा कि बेटे के फ्लैट के सामने ही सेना का मुख्यालय है. फायरिंग की वजह से लोग अपने अपने घरों से बाहर निकलने की स्थिति में नहीं है. जयंत की मां तमन्ना केवलानी ने बताया कि बेटे से बातचीत हो रही है. युद्ध के चलते वहां सभी लोग डरे हुए हैं. गोली फ्लैट के अंदर भी आ रही है. जान पर खतरा बना हुआ है. लाइट न होने से कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं. जयंत तीन दिनों से भूखे प्यासे हैं.
सेना और एक अर्धसैनिक समूह के बीच घातक संघर्ष
गौरतलब है कि सूडान में पिछले 6 दिन से देश की सेना और एक अर्धसैनिक समूह के बीच घातक संघर्ष जारी है, जिसमें कथित तौर पर करीब 100 लोग मारे जा चुके हैं. सूडान की राजधानी खार्तूम में जारी व्यापक हिंसा के बीच वहां भारतीय दूतावास ने सोमवार को जारी परामर्श में भारतीयों से घरों से बाहर नहीं निकलने व शांत रहने को कहा था. वहीं रविवार को दूतावास ने कहा था कि खार्तूम में गोली लगने से घायल हुए भारतीय नागरिक की मौत हो गई है