आपको बतादें की साल 2023 में सरकार ने एमएसपी पर सीधा किसान से 41 लाख टन गेहूं तक की खरीद की है. बताया जा रहा है की पिछले साल की तुलना में 18 प्रतिशत कम है.
अशोक के मीणा जो की भारतीय खाद्य निगम एफसीआइ के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक है उनका कहना है की गेहूं में सरकारी खरीद में कमी आने का मुख्य कारण बेमौसम की बरसात और गेहूं की कटाई में देरी है. इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में आवकों की कमी के कारण गेहूंे की सरकारी खरीद में गिरावट देखने को मिली है. बेमौसम की बरसात से काफी फसल नष्ट हो गई थी. जिसकी वजह से बहुत सी जगहों पर गेहूं की गुणवत्ता में कमी आ गई थी.
सरकार ने किसानों का ख्याल करते हुए पांच राज्यों में गेहूं की खरीद में ढील दी है. जिसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल है. आपको बतादें की 14 अप्रैल से गेहूं की खरीद 41 लाख टन तक पहुंच चुकी है. जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह खरीद 50 लाख टन की खरीद से कुछ कम ही थी. उन्होनें साथ ही ये भी कहा की आनें वाले समय ेमं सरकारी खरीद को बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही उन्होनें बताया की पंजाब और हरियाणा की मंड़ियों में गेहूं की आवक अभी बेहतर चल रही है.
आपको बतादें की एफसीआइ राष्ट्रीय नोडल एजेंसी राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर एमएसपी पर गेहूं की खरीद करती है. इसके साथ ही ये खरीद किसानों के हितों को ध्यान में रखते लिए किसानों के लिए बहुत सी योजनाएं के तहत बफर स्टाक को रखने के लिउ भी बनाती है.